भोपाल : मध्यप्रदेश में आईटीआई के छात्रों को सौर ऊर्जा, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल एवं पर्यटन जैसे सेक्टर में जर्मनी के विशेषज्ञ अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग देने आएंगे। दिसंबर से यह कौशल उन्नयन की यह ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। प्रदेश में अभी 6 लाख छात्र पंजीकृत हैं।
यह जानकारी तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री दीपक जोशी ने दी। उन्होंने बताया कि बुधवार को जीआईडी जर्मनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर जोहानेस स्ट्रिटमेटर से इस मुद्दे पर निर्णायक चर्चा हो चुकी है। अब इस प्रस्ताव को केन्द्र सरकार के जरिए अंतिम रूप दे दिया जाएगा। दिसंबर से प्रदेश के बच्चों को 3 से 12 महीने की वोकेशनल ट्रेनिंग शुरू कर दी जाएगी।
इसके लिए जर्मन विशेषज्ञों को किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा। जोशी ने बताया कि ब्रिटेन के मिनिस्टर काउंसलर डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (डीएफआईडी) नेविन मेक्गिलिवेरे से भी चर्चा हुई। डीएफआईडी मप्र राज्य कौशल विकास मिशन के साथ काम कर रहा है।
इस अवसर पर स्ट्रिटमेटर ने बताया कि विश्व के 130 देशों में जीआईजेड संस्था काम कर रही है। भारत में महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान में भी जर्मन विशेषज्ञ स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि मशीनें तो सभी जगह एक जैसी हैं लेकिन प्रशिक्षित मानव शक्ति ही उनका बेहतर उपयोग कर सकती है।
जोशी ने बताया कि आईटीआई के पारंपरिक ट्रेड के साथ माइनिंग, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, मर्यटन एवं सुरक्षा के क्षेत्र में पाठ्यक्रम बनाए गए हैं। इससे हमारे यहां के छात्रों को अच्छी गुणवत्ता की ट्रेनिंग मिलेगी।
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