नई दिल्ली / सिंगापुर सिटी : सिंगापुर ई-गवर्नमेंट लीडरशिप सेंटर (ईजीएल), सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिस्टम्स साइंस (एनयूएस-आईएसएस) और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), भारत के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की साझेदारी के तहत सहयोग करने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं, ताकि भारत में कार्यबल का कौशल विकास हो सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा (31 मई से 2 जून 2018) के दौरान दोनों देशों के बीच भारत के कार्यबल में कौशल को बढ़ाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। इस दौरान तय हुआ था कि दोनों देश उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रमों को विकसित और कार्यान्वित करने के लिए डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे। विशेष रूप से न्यू ऐज टेक्नोलॉजी और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के क्षेत्रों में भी सहयोग करेंगे।
भारत और सिंगापुर की इस साझेदारी पर एनएसडीसी के एमडी और सीईओ मनीष कुमार ने कहा, ‘एनएसडीसी कौशल और विकास के भविष्य की पहचान करने तथा भारत में आवश्यक दक्षताओं को विकसित करने के लिए एनयूएस जैसे अग्रणी संस्थानों के साथ मिलकर काम करने का प्रयास करती है। वर्तमान में नई आयु के कौशल की बड़ी मांग है, जो हमारे युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर है। मुझे यकीन है कि एनयूएस-आईएसएस के साथ इस सहयोग के माध्यम से हम प्रशिक्षण के अवसर पैदा करेंगे, जो हमारे युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा कर सके और दुनिया में तकनीकी परिवर्तनों के साथ तालमेल रखने में हमारी सहायता करें।’
एनयूएस-आईएसएस अपने ई-गवर्नमेंट लीडरशिप सेंटर के माध्यम से एनएसडीसी और उद्योग संचालित निकायों को सलाह देंगे, जो क्षेत्र कौशल परिषदों (एसएससी) के रूप में जाना जाता है और भारत में मौजूदा कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उभरती प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के लिए रणनीतियों को विकसित करता है।
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