लखनऊ : प्रदेश में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने दोपहिया विनिर्माता कंपनी इंडिया यामहा मोटर (आईवाईएम) प्राइवेट लिमिटेड के संग एमओयू साइन किया है। इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे युवाओं को विनिर्माण के क्षेत्र में अपनी कुशलता को निखारने का अवसर प्रदान करना है। यह यामहा की कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व नीति और देश में कौशल विकास की सरकार की पहल को समर्थन देने के कंपनी के लक्ष्य के अनुरूप है।
कंपनी के डायरेक्ट युकीहिको टाडा ने इस मौके पर कहा “भविष्य में देश में जापानी विनिर्माण एवं कार्यप्रणाली से लैस कर्मियों को तैयार करना हमारा लक्ष्य है। यह पहल उत्तर प्रदेश के वंचित युवाओं की मदद करेगी और उन्हें उद्योग के लिए जरूरी कौशल से लैस करेगी, इससे वे रोजगार के अधिक योग्य बन सकेंगे। यामहा भविष्य में इसी तरह की और पहल करने तथा भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘राष्ट्रीय कौशल विकास अभियान’ को समर्थन देते रहने के लिए भी प्रतिबद्ध है।“
एमओयू के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार का व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग संबंधित विषय और प्रतिष्ठित संस्थानों से आईटीआई पास करने वाले छात्रों की व्यवस्था करेगा और यामहा उनके लिए अपने कारखानों में प्रायोगिक प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगी। इस दो वर्षीय निश्चित अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिये यामहा का प्रयास ऐसे युवा, शिक्षित और कुशल प्रतिभाओं को तैयार करना है जो सक्षम हों और देश में विनिर्माण क्षेत्र के विकास में योगदान कर सकें।
उत्तर प्रदेश सरकार के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के प्रधान सचिव भुवनेश कुमार ने कहा, “कौशल विकास की दिशा में यामहा के प्रयास प्रशंसनीय हैं। इस तरह की पहल हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगी और इससे कौशल विकास अभियान को गति मिलेगी। इससे देश को दुनिया में कौशल राजधानी की तरह विकसित करने के माननीय प्रधानमंत्री के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।“
यामहा ने पिछले साल दिसंबर में बिहार के युवाओं के कौशल विकास एवं प्रशिक्षण के लिए तथा उन्हें अपने ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) और फरीदाबाद (हरियाणा) स्थित कारखानों में ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण पाने का अवसर देने के लिए बिहार सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया था।
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