जॉब पर मोदी सरकार का ट्रंप कार्ड: जुलाई महीने से 3 लाख स्टूडेंट्स करेंगे अप्रेंटिसशिप

नई दिल्ली : इस वर्ष जुलाई महीने से नॉन-टेक्निकल ग्रैजुएट्स के लिए अपनी तरह के पहले अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम में करीब 5 लाख स्टूडेंट्स विभिन्न उद्योगों एवं सर्विस सेक्टर की कंपनियां जॉइन करेंगे। ये स्टूडेंट्स देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों (कॉलेजों) से हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, 1,533 नॉन-टेक्निकल यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों के 9.25 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने कम-से-कम छह महीने का इंटर्न करने में रुचि दिखाई। इन विद्यार्थियों ने 25 मार्च की डेडलाइन के अंदर अपना-अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा प्राप्त युवकों के लिए अप्रेंटिसशिप और कौशल योजना (श्रेयस) का शुभारंभ किया है। इसके तहत युवाओं की पहली खेप जुलाई से जॉइन करेगी।

युवाओं के कौशल प्रदान करने वाले देश के इस सबसे बड़े कार्यक्रम के तहत स्टूडेंट्स को 6 हजार रुपये के मासिक स्टाइपेंड के अलावा केंद्र सरकार से 1,500 रुपये का रीइंबर्समेंट भी मिलेगा। श्रेयस प्रोग्राम नॉन-टेक्निकल डिग्री कोर्स में दाखिला लेनेवाले विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। इसका लक्ष्य विद्यार्थियों को नौकरी पाने योग्य कौशल प्रदान करना और अप्रेंटिसशिप को शिक्षा का अनुषंगी बनाने के साथ-साथ एजुकेशन सिस्टम में रोजगार उपलब्ध कराने के सरकारी प्रयासों को भी शामिल किया जाना है।

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श्रेयस के लिए केंद्र सरकार के तीन मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, कौशल विकास मंत्रालय और श्रम मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। इस योजना का शुभारंभ इसी वर्ष फरवरी महीने में किया गया था। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आर सुब्रमण्यम के मुताबिक, कार्यक्रम में 1,533 यूनिवर्सिटियों एवं अन्य शैक्षिक संस्थानों के विद्यार्थियों ने भाग लिया है। इनमें ज्यादातर दक्षिणी राज्यों और महाराष्ट्र के हैं।

सेक्टर स्किल काउंसिल्स मई महीने में इंटर्न की मांग और उपलब्ध अवसरों का आकलन कर रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स को जानकारी देगी और अप्रेंटिसशिप के लिए उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में भेजेगी। सुब्रमण्यम ने बताया, ‘कम-से-कम तीन लाख स्टूडेंट्स जुलाई 2019 से अप्रेंटिसशिप करने जा रहे हैं और पहले साल में यह आंकड़ा 5 लाख तक पहुंच सकता है। स्किल सेक्टर काउंसिल्स उद्योगों के साथ लगातार संपर्क में रहेंगी और अगले वर्ष और ज्यादा अवसर प्राप्त करेंगी।’