नई दिल्ली : रेलवे में एक्ट आप्रेटिस की ट्रेनिंग कर चुके नौजवानों ने अपनी नौकरी की मांग को लेकर दिल्ली में रेल भवन का घेराव किया, जहां पुलिस ने लाठियों के साथ उनका स्वागत किया। आरसीएफइयू के महासचिव सर्वजीत सिंह ने कहा कि नौजवानों पर रेलवे बोर्ड द्वारा किया जुल्म बहुत निंदनीय कार्य है।
एक तरफ तो सरकार स्किल इंडिया के दावे कर रही है लेकिन दूसरी तरफ रेलवे में स्किल प्राप्त कर चुके नौजवान दर-दर भटकने के लिए मजबूर है। जब वह अपने हक के लिए आवाज बुलंद करते है तो उन पर लाठियां बरसाई जाती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार पैदा करने के लिए वायदे कर रही है लेकिन केवल 25 हजार एक्ट आप्रेटिसों को नौकरी देने से पीछे हट रही है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन रेलवे में दुर्घटनाएं हो रही है, रेलवे ट्रैक की संभाल, रेलवे कोच फैक्ट्रियों में अधिक उत्पादन का लक्ष्य आदि हमारे लिए गंभीर चुनौतियां है।
इन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए रेलवे को मैनपावर की सख्त जरूरत है जो इन एक्ट आप्रेटिसों को भर्ती करके कुछ हद तक पूरी हो सकती है। लेकिन रेल प्रशासन इनको पहले से ही स्किल नौजवानों को नौकरी देकर पूरी रेल को एफओआई, पीपीपी, आउटसोसिंग, प्राइवेटाइजेशन को सौंपने के लिए उतावले हुए बैठे है, जिसका नतीजा बहुत खतरनाक होगा क्योंकि रेलवे में पहले से ही प्राइवेट ठेके पर चल रहे काम के नतीजे बहुत खतरनाक है। रेलवे की पटरियों से लेकर रेल डिब्बों में लगने वाले पुर्जे प्राइवेट फर्मों को भेजे जाते हैं, जोकि बहुत घटिया क्वालिटी का माल सप्लाई करते है। इसी से रेल की संपत्ति को चूना लग रहा है। आरसीएफइयू आल इंडिया एक्ट आप्रेटिस एसोसिएशन के संघर्ष का समर्थन करती है।
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