ऊना : सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सिपट बद्दी में युवाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षण मिलेगा।
स्किल अपग्रेडेशन विद जॉब/आउट सोर्सिंग गारंटी योजना (सुजोग) के तहत उद्योगों, औद्योगिक इकाईयों, संस्थानों में कोर्स करवाए जाएंगे। छह माह के दो बैचों के लिए 300 अभ्यर्थियों से कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए सादे कागज पर आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। यह आवेदन पत्र 31 जुलाई तक जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय में जमा करवाने होंगे।
जिला कल्याण अधिकारी असीम सूद ने बताया कि कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत तीन ट्रेडों इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन ऑपरेटर, प्लास्टिक प्रोसे¨सग मशीन ऑपरेटर व फिल्म एक्ट्रेशन मशीन ऑपरेटर के क्रमश: 50-50 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन ट्रेडों में प्रशिक्षण लेने के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग, बेसहारा, परित्यक्ता, विधवा महिलाएं व अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति पात्र होंगे। अभ्यर्थियों की आयु आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए। परिवार की वार्षिक आय सभी साधनों से दो लाख रुपये से अधिक न हो। शैक्षणिक योग्यता कम से कम आठवीं या इससे अधिक हो और मान्यता प्राप्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से अन्य कोई व्यावसायिक डिप्लोमा प्राप्त किया हो।
आवेदन पत्र के साथ हिमाचली, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग व अल्पसंख्यक होने का प्रमाणपत्र, राजस्व अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाणपत्र, 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र, सचिव ग्राम पंचायत एवं विकास अधिकारी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सचिव नगर निकाय द्वारा जारी बेसहारा, परित्यक्ता व विधवा प्रमाणपत्र, आयु, शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र व आधार कार्ड की प्रति लगाना आवश्यक है। अभ्यर्थियों का चयन निदेशक अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग एवं अल्पसंख्यक मामले के विभाग द्वारा किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए 3500 रुपये प्रति कोर्स फीस और रहने व खाने-पीने के लिए पांच सौ रुपये प्रति अभ्यर्थी की दर से 51 हजार रुपये विभाग द्वारा वहन किए जाएंगे। प्रशिक्षण के बाद संबंधित संस्थान द्वारा 70 प्रतिशत से अधिक प्रशिक्षणार्थियों को औद्योगिक इकाईयों व संस्थानों में रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए अभ्यर्थी निदेशक अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग एवं अल्पसंख्यक मामले विभाग तथा जिला कल्याण अधिकारी व तहसील कल्याण अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
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