रायपुर (छ०गढ) : राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अनेक ऐसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनका लाभ उठाकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कम पढ़े-लिखे युवा भी आत्मनिर्भर होने लगे हैं। कौशल प्रशिक्षण के साथ-साथ उनके लिए ऋण और अनुदान योजनाएं भी चल रही हैं। तकनीकी शिक्षा, कौशल उन्नयन और रोजगार विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि लगभग तीन वर्ष पहले शुरू की गयी मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत राज्य में अब तक एक लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न विभागों की ओर से प्रशिक्षण दिलाया जा चुका है।
सभी 27 जिलों में संचालित आजीविका (लाइवलीहुड) कॉलेजों में 32 हजार से युवा विभिन्न व्यवसायों के अल्प अवधि के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित हो चुके हैं। इस प्रकार लगभग एक लाख 32 हजार युवा रोजगारमूलक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। लाइवलीहुड कॉलेजों में निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण की भी सुविधा भी दी जा रही है। पांचवी-आठवीं युवा भी इन योजनाओं में प्रशिक्षण लेकर हुनरमंद बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अब तक प्रशिक्षित युवाओं में से दस हजार से ज्यादा युवाओं को निर्माण क्षेत्र में भवन निर्माण गतिविधियों से जुड़े कार्यों का प्रशिक्षण मिल चुका है। लगभग छह हजार युवाओं को इलेक्ट्रिकल गतिविधियों से जुड़े काम-काज में पारंगत बनाया गया है, जबकि करीब साढ़े पांच हजार युवा आटोमोटिव रिपेयर के कार्यों में प्रशिक्षित हुए हैं।
साढ़े चार से ज्यादा युवाओं को ब्यूटी पार्लर और हेयर ड्रेसिंग के कार्यों में 23 हजार से ज्यादा युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधी कम्प्यूटर आदि के कार्यों में और 18 हजार से ज्यादा युवाओं को वस्त्र निर्माण (सिलाई आदि) के कार्यों में प्रशिक्षित किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने युवाओं को कौशल प्रशिक्षण पाने का कानूनी अधिकार दिया है। इसके लिए विधेयक लाकर विधानसभा में वर्ष 2013 में कानून बनाया गया है।
छत्तीसगढ़ युवाओं को कौशल विकास का अधिकार अधिनियम 2013 पूरे प्रदेश में लागू है। इसके अन्तर्गत 18 वर्ष से 45 वर्ष आयु समूह के युवाओं द्वारा कौशल प्रशिक्षण पाने के लिए कलेक्टर को आवेदन करने पर 90 दिनों के भीतर उनकी पात्रता और उपलब्ध बैच के आधार प्रशिक्षण दिलाया जाता है। इसके लिए कम अवधि के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि लगभग एक पखवाड़े पहले भिलाई नगर में राज्य शासन की ओर से मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत शिविर लगाकर काउंसिलिंग के जरिए लगभग 63 युवाओं को चिकित्सा क्षेत्र के विभिन्न कार्यों में रोजगार से जोड़ा गया। इनके अलावा 11 युवाओं को सुरक्षा गार्ड के पद पर, दो युवा के वाहन चालक के पद पर और एक युवा को सुपरवाइजर के पद पर नौकरी मिली।
अधिकारियों के अनुसार आदिवासी बहुल नारायणपुर जिले के मुख्यालय नारायणपुर के माड़िन चौक में रहने वाले मोहम्मद रफीक खान को अंत्यावासायी सहकारी विकास समिति द्वारा स्वरोजगार के लिए सहायता दी गयी। उन्होंने स्टेशनरी दुकान शुरू किया और आज लगातार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। जिला मुख्यालय जांजगीर निवास दसवीं पास श्री सन्नी राठौर को कौशल विकास योजना के तहत इलेक्ट्रिकल व्यवसाय में प्रशिक्षण मिला और उन्हें बिजली के खराब मीटर को बदलने का रोजगार मिल गया है।
आदिवासी बहुल दंतेवाड़ा जिले में संचालित क्षीरसागर परियोजना के तहत दूध का व्यवसाय करने के लिए वहां के किसानों ने लगभग दो साल पहले सहकारी समिति का गठन किया और आज इस समिति के माध्यम से डेयरी व्यवसाय में समिति के 400 सदस्यों को सीधे आमदनी मूलक रोजगार मिल गया है, जिससे इन परिवारों के लगभग दो हजार सदस्यों को भी इसका लाभ मिल रहा है।
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