रोज़गार की संभावनाओं के नये द्वार खोलते फिन-टेक स्टार्टअप्स

भारत में टेक्नोलॉजी आधारित फाइनेंशियल सर्विसेज यानी फिन-टेक का दायरा तेजी से फैल रहा है, जिसमें फंडिंग, इनोवेशन और वित्तीय संस्थाओं समेत विविध स्टेकहोल्डर्स द्वारा प्रस्तावित कॉलेबोरेशन का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके साथ मोबाइल पेमेंट्स, मोबाइल वॉलेट्स व पर्सनल फाइनेंशियल प्लानिंग एंड वेल्थ मैनेजमेंट जैसे कई दिलचस्प कारोबार उभर रहे हैं, जिन्होंने ग्राहकों के रोजमर्रा के वित्तीय लेन-देन का तरीका पूरी तरह से बदल दिया है।

वित्तीय सेवाओं (फाइनेंशियल सर्विसेज) के क्षेत्र में कार्यरत तकनीक आधारित स्टार्टअप को फिन-टेक यानी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के तौर पर उद्धृत किया जाता है। इसमें टेक्नोलॉजी शब्द इसलिए जोड़ा गया है, क्योंकि ग्राहक और वित्तीय संस्थाएं तकनीक के इस्तेमाल के जरिये ही इसमें हिस्सेदारी निभाते हैं। साथ ही टेक्नोलॉजी इनोवेशन के बढ़ते दायरे के कारण ही फाइनेंशियल सेक्टर में तेजी आयी है, जिसमें वित्तीय साक्षरता और शिक्षा, खुदरा बैंकिंग, निवेश आदि में इनोवेशन शामिल है, लिहाजा इसे फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के तौर पर जाना जाता है।

पारंपरिक बैंकिंग संस्थाओं के लिए फिन-टेक क्रांति का अर्थ

भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में फिन-टेक सेक्टर के तेजी से उभरने से स्मार्टफोन पर महज एक क्लिक के जरिये अनेक वित्तीय लेन-देन निबटाये जा रहे हैं, इससे पारंपरिक बैंकिंग संस्थाओं के समक्ष नयी चुनौती पैदा हो सकती है। मोबाइल वॉलेट, ऑनलाइन पेमेंट, पेमेंट डिवाइसेज, मोबाइल बैंकिंग, पर्सनल फाइनेंस, एनएफसी/ क्यूआर स्कैनिंग, फाइनेंशियल एनालिटिक्स जैसे उपभोक्ता-केंद्रित विविध कारोबारी मॉडल ने निश्चित तौर पर बैंकों द्वारा निबटाये जानेवाले पारंपरिक तरीकों को बदल दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम यदि ग्राहकों को संतुष्टिप्रद सेवा प्रदान करती रही, तो वे इनसे जुड़ाव बनाये रख सकते हैं।

मजबूती

बाजार में जारी निरंतर उभार और अलगोरिथम आधारित सेवाओं के इस्तेमाल से ग्राहकों के पर्सनल फाइनेंस, इंश्योरेंस व इन्वेस्टमेंट के अलावा उनके द्वारा मोबाइल से किये जानेवाले भुगतान के आंकड़ों को आसानी से जाना जा रहा है, जो इसका सबसे मजबूत पक्ष है। इन जानकारियों को हासिल करते हुए दिनों-दिन ऐसे स्टार्टअप की संख्या बढ़ रही है और उनमें पर्याप्त ग्रोथ भी देखा जा रहा है। सरकार के विभिन्न प्रोत्साहन कार्यक्रमों के चलते उद्यमिता को अपनाने के प्रति लोगों में दिलचस्पी लगातार बढ़ी है। तेजी से बदल रही तकनीकों ने कारोबार और बाजार के स्वरूप को बिल्कुल बदल दिया है और इसमें दिन-प्रतिदिन नये-नये बदलाव हो रहे हैं।

अवसर

वित्तीय सेवाओं के अभाव के कारण फिन-टेक के लिए अवसरों के द्वार खुले हुए हैं। देशभर में करोड़ों लोग अब तक बेसिक वित्तीय सेवाओं से वंचित हैं। इंश्योरेंस, उपभोक्ता लोन, माइक्रो-फाइनेंसिंग, मोबाइल पेमेंट्स, प्वॉइंट ऑफ सेल सोलुशंस समेत इस तरह के अनेक बिजनेस सेगमेंट में मांग पैदा करने के भरपूर मौके हैं। इससे बाजार को भी मजबूती मिल सकती है। स्किल इंडिया, प्रधानमंत्री जन धन योजना, मुद्रा योजना, कृषि सिंचाई योजना आदि का फायदा ग्रामीण आबादी तक पहुंचाते हुए फिन-टेक स्टार्टअप के ग्रोथ के लिए व्यापक अवसर हैं। स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा, फसल बीमा समेत मोबाइल बैंकिंग और खेती व छोटे एवं मझोले उद्योगों के लिए लोन मुहैया कराने में इनकी बड़ी भूमिका हो सकती है। युवा इन उभरते हुए फिन-टेक स्टार्टअप में रोज़गार की संभावनाओं का अवलोकन कर सकते हैं।

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