भोपाल : प्रदेश के दो हजार से ज्यादा उद्योग कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत तकनीकी शिक्षा में निवेश करेंगे। अभी सीएसआर के लिए उद्योगों का बजट 86 हजार करोड़ सालाना होता है। इसका कुछ हिस्सा उद्योग तकनीकी शिक्षा में लगाने के लिए सहमत हो गए हैं। प्रदेश के उद्योग अपने डिविजन में आने वाले राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों में रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में पैसा लगाएंगे। इसके लिए विवि में आयोजित कुलपति सम्मेलन में सहमति बन गई है।
आरजीपीवी और अखिल भारतीय विवि संघ (एआईयू) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित मध्य क्षेत्र के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का सम्मेलन का बुधवार को समापन हुआ। इस दौरान कुलपतियों और उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों का गोलमेज सम्मेलन हुआ जिसमें कई मुद्दों पर सहमति बनी। मध्यप्रदेश पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से कहा गया कि प्रदेश में उनके संगठन से 2000 से ज्यादा उद्योग जुड़े हुए हैं। सभी सीएसआर के तहत विवि की मदद के लिए तैयार हैं। साथ ही उद्योगों ने प्रतिवर्ष 4000 छात्रों को इंटर्नशिप भी कराने का वादा किया है।
सम्मेलन में ये हुए शामिल
सत्र के अंत में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और कुलपतियों के बीच हुए गोलमेज सम्मेलन में बीएचईएल, विप्रो, पी एण्ड जी. वर्धमान, टीसीएस, नेसकाॅम, इपकालेब, एचईजी, डी आटो, भण्डारी फाइल, सीआईआई, पीएचडी चैम्बर आॅफ कामर्स, इंडो यूरोपियन, चैम्बर आॅफ कामर्स, क्रिस्प, ट्राइडेंट, एवं नेटलिंक के प्रतिनिधि मौजूद थे।
सम्मेलन में इन पर बनी सहमति
शिक्षण, प्रशिक्षण एवं कौशल उन्नयन करना।
उद्योगों की आवश्यकताओं को चिन्हित करना।
उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रमों का नवीनीकरण ।
छात्रों के व्यक्तित्व का निर्माण करना।
शैक्षणिक व उद्योगों के प्रतिनिधियों का आपसी सामंजस्य स्थापित करने के लिए नियमित सेमीनार आयोजित करना।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.