नई दिल्ली : जल्द ही इंजीनियरिंग छात्रों को कोर्स खत्म करते वक्त एग्जिट टेस्ट / EXIT TEST देना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) की होने वाली अगली मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
अगर एग्जिट टेस्ट / EXIT TEST का फैसला लिया जाता है तो सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट संस्थानों के छात्रों को भी टेस्ट देना होगा। सरकार टेस्ट में आए मार्क्स को नौकरी देने वाली एजेंसियों या कंपनियों से भी साझा करेगी। इस टेस्ट का परफॉर्मेंस यह तय करेगा कि छात्र के पास नौकरी मिलने की कितनी योग्यता है।
हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इंजीनियरिंग कॉलेजों से निकलने वाले छात्रों की क्वालिटी को लेकर चिंतित है। सरकार को इस बारे में फीडबैक भी मिला है। इसलिए दक्षता परीक्षा के बारे में सरकार विचार कर रही है। करीब 3 हजार टेक्निकल इंस्टीट्यूट से हर साल करीब 7 लाख इंजीनियरिंग छात्र निकलते हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 20 से 30 फीसदी पास आउट छात्रों को ही अच्छी नौकरी मिल पाती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक, सरकार थ्योरी ही नहीं, बल्कि एप्टीट्यूड, स्किल्स और क्रिटिकल थिंकिंग को टेस्ट में शामिल करना चाहती है।
इससे इंस्टीट्यूट के टीचिंग स्टैंडर्ड का भी पता चलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, एक कमिटी ने सरकार को सिफारिश की है कि सभी इंजीनियरिंग छात्रों के लिए जनरल एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) अनिवार्य कर दिया जाए। आमतौर पर एमटेक में एडमिशन के लिए छात्र गेट में शामिल होते हैं।
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