राजस्थान : होटलों की तर्ज पर अब राजस्थान के सरकारी स्कूल भी फाइव स्टार, फोर स्टार और थ्री स्टार होंगे। सरकारी स्कूलों की क्वालिटी की पहचान देने के लिए स्टार रेटिंग की तैयारी की जा रही है। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने ऐसे संकेत दिए हैं। अनुमान है कि चालू सत्र के बोर्ड परिणामों के आधार पर ही स्कूलों को स्टार रेटिंग दी जाएगी। अच्छे परफॉर्मेंस पर फाइव स्टार रेटिंग और खराब परफॉर्मेंस पर फोर से वन स्टार तक रेटिंग मिलेगी। प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए पहले आदर्श विद्यालय और शारदे विद्यालय जैसी उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था लागू की जा चुकी है। इसका परिणाम यह है कि राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र में तेजी से सुधार आया है। कौशल विकास के जरिए युवाओं को रोजगार मिल रहा हैं।
आगामी बोर्ड पर टिकी नजर
शिक्षा विभाग ने स्टार रेटिंग की योजना पर कवायद पूरी कर ली है। आगामी बोर्ड परिणाम के बाद इस योजना को अमलीजामा पहना दिया जाएगा। हर स्कूल को 8वीं, 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर रेटिंग मिलेगी। 12वीं में संकायवार कला, विज्ञान और वाणिज्य वर्ग के परिणाम के आधार पर अलग-अलग रेटिंग तैयार होगी।
कम रेटिंग मिली तो बताना होगा कारण
सरकारी स्कूल को फाइव स्टार रेटिंग से कम मिलती है तो उसको इसका कारण बताना होगा। संस्था प्रधान को कमियों की पहचान करते हुए यह भी बताना होगा कि इन कमियों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है। इसके बाद इन कमियों को दूर किया जाएगा।
फाइव स्टार : स्कूल का परिणाम बोर्ड के कुल परीक्षा परिणाम से अधिक है। साथ ही स्कूल में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत भी राज्य स्तर पर प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों के कुल प्रतिशत से अधिक है तो स्कूल को फाइव स्टार रेटिंग दी जाएगी।
फोर स्टार : प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत राज्य स्तर पर बोर्ड परीक्षा में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के कुल प्रतिशत से कम है तो स्कूल को फोर स्टार रेटिंग दी जाएगी।
थ्री स्टार : अगर किसी स्कूल में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत राज्य स्तर पर प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत से तो अधिक है, लेकिन उस स्कूल का परिणाम बोर्ड के कुल परिणाम से कम है तो स्कूल को थ्री स्टार रेटिंग दी जाएगी।
टू स्टार : स्कूल का परिणाम और प्रथम श्रेणी से पास होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत बोर्ड के परिणाम और प्रथम आने वाले विद्यार्थियों के परिणाम से कम है तो स्कूल को टू स्टार रेटिंग मिलेगी।
वन स्टार : बोर्ड परीक्षा में अगर स्कूल के 95 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया तो स्कूल को वन स्टार रेटिंग दी जाएगी। भले ही उसका परिणाम और प्रथम आने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत कुछ भी हो।
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