सागर (मध्यप्रदेश) : डाॅ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के यूजीसी-मानव संसाधन विकास केंद्र द्वारा आयोजित कौशल आधारित शिक्षा परिचय, पारस्परिक विमर्श एवं मूल्यांकन विषय पर कार्यक्रम का समापन शनिवार को हुआ। मानव संसाधन विकास केंद्र के निदेशक प्रो. एसएन लिमये ने कहा कि शिक्षा में कौशल विकास के मापदंड एवं अध्ययन कक्ष में शिक्षण को विकसित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने एक पावर प्वाइंट प्रस्तुति के जरिए शैक्षिक एवं मानवीय क्षेत्र में कौशल विकास के आयामों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि डीन प्रो. प्रतिभा पांडेय ने शिक्षण के घटकों एवं शिक्षक के संदर्भों का वर्णन करते हुए कौशल विकास की प्रकिया को बताया। निदेशक प्रो. एसएन लिमये ने कुलपति से प्राप्त संदेश को प्रतिभागियों के समक्ष पढ़ा। कुलपति ने इस बात पर जोर दिया कि कौशल विकास के द्वारा राष्ट्र विकास की पहल हो रही है एवं इससे विद्यार्थी संज्ञानात्मक विकास को कैसे अपनाएं? इस पर एमएचआरडी सक्रिय है। एचआरडीसी के सहायक निदेशक डाॅ. कन्हैया त्रिपाठी ने यूजीसी के माध्यम से एमएचआरडी द्वारा चलाए जा रहे कौशल विकास पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में प्राप्त 32 शोध सारांश की स्मारिका का विमोचन किया गया। डाॅ. उमेश पाटिल, डाॅ. राजेश यादव, डाॅ. प्रीति बाधवानी, डाॅ. रानी दुबे, डाॅ. नीलम थापा एवं केवी-1 की रेनु यादव ने भी अपने विचार रखे।
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