“स्किल इंडिया” के तहत यूजीसी की एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस कोर्स शुरू करने की योजना

नई दिल्ली : एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस में बीएससी कोर्स यूजीसी नए सत्र से शुरू कर सकता है। यह कोर्स स्किल इंडिया योजना के तहत शुरू कर युवाओं को हुनरमंद बनाने का मौका यूजीसी देगा। इसी के तहत कालेज और विश्वविद्यालयों में एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस कोर्स शुरू करने की योजना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग आगे बढ़ा रहा है। शिक्षण संस्थानों में कोर्स शुरू करने की योजना पूरा करने के लिए आयोग ने पूरा सिलेबस तैयार कर लिया है। तैयार सिलेबस पर विश्वविद्यालयों और विशेषज्ञों की राय लेने के बाद खामियों का सुधार कर इसे फाइनल भी कर दिया गया है। कोर्स सिलेबस फाइनल करने के बाद अब किस तरह यह कोर्स कालेजों और विश्वविद्यालयों में शुरू किया जाना है, आयोग इसे लेकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है। हालांकि यूजीसी ने एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस कोर्स को क्रेडिट बेस्ड च्वाइस सिस्टम के तहत शुरू करने का फैसला लिया है। यह कोर्स उन्हीं कालेजों और विश्वविद्यालयों में शुरू किया जाएगा, जहां साइंस फैकल्टी चल रही है। छात्र को अपनी पसंद का विषय चुनने की च्वाइस भी इस कोर्स के तहत दी जाएगी। विमान सेवाओं में हो रहा विस्तार देखते हुए इस क्षेत्र में दक्ष मेकेनिक व टेक्निकल कर्मचारियों की कमी देखते हुए कालेजों में यह कोर्स शामिल करने की योजना यूजीसी ने तैयार की है। इससे कालेजों में छात्र इससे जुड़े क्षेत्रों में अपने लिए रोजगार के अवसर जुटा पाएंगे।

सिलेबस में यह

मेंटेनेंस प्रोग्राम के लिए तैयार सिलेबस में एरोनॉटिकल साइंस और एरोडायनमिक्स के साथ पैरानॉटिक्स इलेक्ट्रिकल फंडामेंटल, एयरक्राफ्ट मैटीरियल एंड हार्डवेयर गैस टरबाइन इंजन, इलेक्ट्रॉनिक फंडामेंटल एंड डिजिटल टेक्नोलॉजी सहित अन्य सिलेबस शामिल होगा।

इलेक्टिव और कोर कोर्स

बीएससी एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस कोर्स को इलेक्टिव और कोर कोर्स के रूप में चलाया जाएगा। कोर कोर्स में 14 पेपर और इलेक्टिव में आठ पेपर शामिल किए गए हैं। पाठ्यक्रम सीबीसीएस के तहत होने से सभी शिक्षण संस्थानों के लिए पाठ्यक्रम एक समान होगा। इलेक्टिव कोर्स में छात्र को अपनी पसंद के विषय चुनने की छूट होगी। अभी तक यह कोर्स इंजीनियरिंग कालेजों में ही चलाया जा रहा है।

एयरलाइंस कंपनियों में भी मौका

एयरक्राफ्ट मेंटनेंस कोर्स शुरू होने से छात्र एयरपोर्ट तथा एयरक्राफ्ट मैन्युफेक्चरर व मेंटनेंस फर्म सहित निजी एयरलाइंस कंपनियों में भी रोजगार पा सकेंगे।

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