‘भविष्य की शिक्षा नीति’ पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक नई दिल्ली की जगह “महामना की बगिया” में

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) : भविष्य की शिक्षा नीति के एजेंडे पर इस बार महामना की बगिया यानी बीएचयू में मंथन किया जाएगा। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की अभी तक नई दिल्ली में होने वाली बैठक इस बार बीएचयू में होने जा रही है। छह अक्टूबर को होने वाली रिव्यू बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर, राज्यमंत्री डा. महेंद्रनाथ पांडेय सहित मंत्रालय एवं यूजीसी के तमाम अधिकारी आ रहे हैं। इसमें पिछले निर्णयों पर चर्चा होगी, साथ ही सरकारी योजनाओं खासकर दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास केंद्र, औद्योगिक, शिक्षा एवं शोध को और बेहतर बनाने एवं अब तक हुए कार्यों की समीक्षा की जाएगी। यहां पर पारित एजेंडे राष्ट्रपति के सामने पेश किए जाएंगे।

इस बड़ी बैठक से पहले पिछले दिनों सातवें वेतन आयोग को लेकर हुई बैठक की मेजबानी बीएचयू ने ही की। चेयरमैन सहित तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड के प्रतिनिधियों ने अपनी राय दी। इसमें मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रवीण कुमार सिंह, प्रो. वीएस चौहान, प्रो. रमेश पंडा, प्रो. राम सिंह, डा. अर्चना ठाकुर, डा. निर्मल्या सामंथा भी शामिल थे। छह अक्टूबर को सुबह साढ़े नौ बजे से होने वाली बैठक केंद्रीय कार्यालय में होगी। इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री जावडेकर व अन्य अधिकारी पांच अक्टूबर की रात बीएचयू पहुंच जाएंगे।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्रपति की बैठक से पूर्व एमएचआरडी की बैठक होती है ताकि सभी बिंदुओं पर रिव्यू हो सके। इसके बाद राष्ट्रपति इसको हरी झंडी देते हैं। शताब्दी वर्ष में बीएचयू को इस बैठक की मेजबानी करने का मौका मिल रहा है, जो गर्व की बात है। केंद्रीय मंत्री जावडेकर ऊर्जा बचाने वाली ग्रीन बिल्डिंग का उद्घाटन भी करेंगे। पूर्वांचल की यह पहली बिल्डिंग है जिसमें बिजली की खपत बहुत कम होगी।

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