नयी दिल्ली : भारत व जर्मनी ने आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिससे भारत के औद्योगिक संकुलों में कार्यस्थल आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षण में सुधार में मदद मिलेगी। जर्मनी ने कौशल विकास के लिए स्किल इंडिया मिशन को 22.6 करोड़ देने का वादा भी किया ।
केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा है, भारत में हम इस तथ्य को जानते हैं कि जर्मनी की दोहरी प्रणाली की बहुत साख है और यह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। हमें जर्मन वीईटी प्रणाली के तत्वों को भारतीय परिदृश्य में अंगीकार करना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत में कौशल प्रशिक्षण उद्योग की जरूरतों के हिसाब से है।
कौशल विकास एवं उद्यमिता :एमएसडीई: मंत्रालय तथा जर्मन इंटरनेशनल कारपोरेशन :जीआईजेड: ने इस आशय के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
मंत्रालय में सचिव रोहित नंदन ने कहा, बीते कुछ महीनोेें में हम :भारत: ने शिक्षा के दोहरे मॉडल की जर्मन प्रणाली को औपचारिक रूप से अंगीकार किया है। पहली बार आईटीआई में तीन महीने के अकादमिक इनपुट की प्रणाली का माडल होगा जिसके बाद प्रशिक्षु को उद्योग जगत में भेज दिया जाएगा जहां वह नौ महीने तक एप्रेंटिस के रूप में काम करेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार देश में एप्रेंटिसिशिप को बढावा देने के लिए शिक्षा के दोहरे मॉडल को आगे बढाना चाहती है।
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