नई दिल्ली : कौशल विकास एंव उद्यमिता राज्य मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि एक निर्यात संचालित क्षेत्र है और चमड़ा क्षेत्र में अगले पांच वर्षों में 20 लाख से अधिक रोजगार का सृजन होगा।
केंद्रीय मंत्री ने मोची स्वाभिमान मुहिम की शुरुआत की। इस पहल के तहत मोची समुदाय को बेहतर काम का माहौल देकर उनके कौशल का सम्मान किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि चमड़ा उद्योग के पास अगले पांच साल में करीब 20 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा करने की क्षमता है।
पांडेय ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत स्नातक प्रशिक्षुओं को पूर्व शिक्षण (आरपीएल) प्रमाणपत्रों की मान्यता प्रदान की, जिन्हें चमड़ा क्षेत्र में कौशल परिषद के निर्धारित प्रयासों के साथ चमड़े की कंपनियों में अपने मौजूदा कौशल पर प्रशिक्षित, मूल्यांकन और प्रमाणित किया गया था।
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100 फीसदी निवेश को मिली इजाजत
महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि भारत सरकार ने 2019 के बजट में ऐलान किया था कि चमड़ा चमड़ा सेक्टर में कच्चे और अर्ध तैयार चमड़े के अवसरों पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को तर्कसंगत बनाया जाएगा। साथ ही सरकार की तरफ से चमड़ा उद्योग में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के निवेश की इजाजत दी है।
चमड़ा उद्योग के पास निर्यात की अपार संभावनाएं
भारत दुनिया का करीब 13 प्रतिशत चमड़े का उत्पादन करता है। चमड़ा और चमड़ा उत्पादन इंडस्ट्री का भारत की जीडीपी में योगदान एक प्रतिशत से कम है, जबकि फुटवियर इंडस्ट्री का भारत की जीडीपी में योगदान 2 फीसदी से कम है। ऐसे में भारतीय चमड़ा उद्योग निर्यात की बड़ी क्षमता रखता है। भारत की तरफ से जापान, कोरिया, एशियन, चिली जैसे देश से ट्रेड एग्रीमेंट हो रहा है और साथ ही यूरोपियन यूनियन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत चल रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में चमड़े के निर्यात के लिए बड़ा मंच तैयार हो सकता है।
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