नई दिल्ली : भारत और जापान के बीच कौशल विकास ट्रेनिंग प्रोग्राम के तारतम्य में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, ने जापान जाने वाले 22 प्रशिक्षण संस्थानों के पहले बैच के प्रशिक्षुओं को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में एमएसडीई के सचिव डॉ के पी कृष्णन, श्री अशेश शर्मा, संयुक्त सचिव, एमएसडीई और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के ईडी और सीओओ श्री जयंत कृष्णा भी उपस्थित थे। यह बैच जापान की उन्नत तकनीक और भारत के समृद्ध मानव संसाधनों के बीच तालमेल की सफल शुरूआत का प्रतीक है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस पहले बैच का सम्मान कर मैं बेहद खुशी का अनुभव कर रहा हूं। कौशल विकास के क्षेत्र में यह लोग हमारे ब्रांड एंबेसडर हैं और भविष्य में जो अन्य बैच तैयार होंगे उनके लिए प्रेरणा स्त्रोत बनेंगे। यह लोग जापान से न केवल उच्च स्तर पर कुशल होकर लौटेंगे बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ के सपने को भी साकार करेंगे। मैं इनकी सफलता की कामना करता हूं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह दल आने वाले समय में भारत को कौशल राजधानी के रूप में दुनिया भर में स्थापित करेंगे जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। यह जापान के साथ शुरूआत है। हम आशा करते हैं कि अन्य देशों के साथ भी इस तरह की शुरूआत होंगी।
एमएसडीई के सचिव डॉ. के पी कृष्णन ने कहा कि जापान के साथ हुई यह शुरूआत कौशल विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आज का कार्यक्रम देश की कौशल क्रांति में शामिल होने वाले युवाओं को प्रेरित करने वाली पहल है। उल्लेखनीय है कि पहले बैच के पंद्रह छात्रों ने चेन्नई में प्री डिपार्चर प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और उन्हें जापान के अग्रणी वाहन निर्माताओं की ओर से इंटर्नशिप आॅफर पत्र भी सौंप दिया गया है। उन्हें जापानी ट्रेनर्स द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। ये इंटर्न मुख्यत: दक्षिणी तमिलनाडु के ग्रामीण गांवों से हैं। यह समाज के आर्थिक रूप से कमजोर उस वर्ग से हैं, जिनकी वार्षिक आय 40,000 रुपये से 80,000 है। इस कार्यक्रम के तहत, वे लगभग 60,000 रुपये से 65,000 रुपये प्रतिमाह कमाएंगे।
क्या है टीआईटीपी: तकनीकी अंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम (टीआईटीपी) भारत सरकार सहित विभिन्न देशों के युवाओं और वयस्क श्रमिकों को औद्योगिक समाज में किसी विशिष्ट अवधि के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जापान सरकार द्वारा एक पहल है। तकनीकी अंतर प्रशिक्षण कार्यक्रम तकनीकी प्रशिक्षु प्रशिक्षुओं को अधिकतम 5 वर्षों के लिए जापानी उद्योगों और व्यवसायों के कौशल को हासिल करने और मास्टर करने के लिए अनुमति देता है।