मुंबई : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आईटीआई) में व्यवसायिक विषयों में उत्तीर्ण होनेवाले छात्रों को कक्षा दसवीं और बारहवीं की समकक्षता मिलेगी। छात्रों को बराबर की डिग्री देने की कार्य पद्धति सुनिश्चित की गई है। जो विद्यार्थी दसवीं की परीक्षा में अनुउत्तीर्ण होंगे और आईटीआई के पाठ्यक्रमों में सफलता प्राप्त करते हैं, तो उन्हें राज्य मंडल की ओर से दसवीं के समकक्ष क्रेडिट्स दी जाएगी। इसीतरह बारहवीं के विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा। उन्हें कौशल विकास के लिए पात्र माना जाएगा।
आईटीआई के इच्छुक छात्र राज्य मंडल की ओर से आयोजित दसवीं तथा बारहवीं की परीक्षा के लिए पंजीयन करा सकेंगे। आईटीआई के विद्यार्थी राज्य मंडल के दसवीं तथा बारहवीं के प्रमाणपत्र परीक्षा के लिए अधिकतम 4 व्यवसायिक विषयों में क्रेडिटस ले सकेंगे। आईटीआई के व्यवसायिक पाठ्यक्रम उत्तीर्ण होनेवाले विद्यार्थियों का अधिकतम अंकों का रुपांतरण राज्य मंडल की परीक्षा के अधिकतम 400 अंकों में किया जाएगा। विद्यार्थियों को दसवीं और बारहवीं उत्तीर्ण होने के लिए विषयों की आवश्यकता के अनुसार अधिकतम चार व्यवसायिक विषयों का (अधिकतम 400 अंक) चयन किया जाएगा। विद्यार्थियों को दसवीं में बेस्ट ऑफ फाइव योजना का लाभ मिलेगा।
आईटीआई पाठ्यक्रमों की अंतिम परीक्षा में प्राप्त अंको का रुपांतर उस छात्र द्वारा चयनित किए गए पाठ्यक्रम में करने की ज़िम्मेदारी व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय की होगी। राज्य मंडल के दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में नियमानुसार दो भाषा के विषयों में उत्तीर्ण होना, साथ ही पर्यावरण विज्ञान एवं ग्रेड विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। ग्रेड विषयों के लिए विद्यार्थियों को नजदीकी स्कूल का चयन करने की छूट होगी। आईटीआई का उत्तीर्ण विद्यार्थी ग्यारहवीं के किसी भी शाखा में प्रवेश ले सकेगा। बारहवीं का आईटीआई समकक्ष विद्यार्थी भी जिस शाखा में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश लेना है, प्रवेश ले सकेगा।
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