नई दिल्ली : भारत के तकनीकी पेशेवरों को जापान में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। दोनों देशों के बीच इसके लिए टेक्निकल इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम (टीआइटीपी) पर समझौता हो गया है। इस सहयोग समझौते पर भारत की ओर से पेट्रोलियम, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेद्र प्रधान और जापान के स्वास्थ्य, श्रम एवं कल्याण मंत्री कात्सुनोबू कातो ने हस्ताक्षर किए। भारत तीसरा देश है जिसके साथ जापान ने कौशल विकास को लेकर यह समझौता किया है। प्रधान एलएनजी प्रोड्यूसर-कंज्यूमर कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए जापान में थे।
टेक्निकल इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत अगले दस वर्षो में भारत के 30,000 लोगों को जापानी शैली के मैन्यूफैक्चरिंग कौशल और व्यवहारों में दक्ष बनाया जाएगा। बीते साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच मैन्यूफैक्चरिंग स्किल ट्रांसफर प्रोग्राम के तहत कौशल विकास पर सहयोग को लेकर सहमति बनी थी। इस प्रोग्राम के तहत भारत में जापान-इंडिया इंस्टीट्यूट फॉर मैन्यूफैक्चरिंग (जेआइएम) की स्थापना का प्रस्ताव है। ये जेआइएम इस साल जुलाई-अगस्त के दौरान जापानी कंपनियों की ओर से गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु और कर्नाटक में स्थापित किए गए। भारत के जापान में राजदूत सुजान आर चिनॉय ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत भारत के पास जापान के साथ अपनी भागीदारी बढ़ाने की काफी गुंजाइश है।
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