नई दिल्ली : माननीय प्रधानमंत्री के स्किल इंडिया मिशन को बढ़ावा देते हुए, केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज देश भर में 700 से अधिक स्थानों पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेले के शुभारंभ का डिजिटल उद्घाटन किया।
इस आयोजन में पॉवर, रीटेल, दूरसंचार, आईटी/आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव और अन्य सहित 30 से अधिक उद्योगों के 4000 से अधिक संगठनों ने भाग लिया। 5वीं से 12वीं कक्षा पास करने वाले, कौशल प्रशिक्षण प्रमाणपत्र वाले, आईटीआई डिप्लोमाधारक या स्नातक डिग्री रखने वाले व्यक्ति पीएम अप्रेंटिसशिप मेले में भाग लेने के पात्र थे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लगभग एक लाख प्रशिक्षुओं की हायरिंग को प्रोत्साहित करना और इम्प्लायर्स को प्रशिक्षण और व्यावहारिक कौशल के माध्यम से उनकी क्षमता को पहचानने और विकसित करने में सहायता करना था।
इसके अलावा, युवा और महत्वाकांक्षी कार्यबल को 500 से अधिक ट्रेडों का विकल्प दिया गया, जिसमें वेल्डर, इलेक्ट्रीशियन, हाउसकीपर, ब्यूटीशियन, मैकेनिक और अन्य ट्रेड्स शामिल थीं। उन्हें सरकारी मानकों के अनुसार मासिक स्टाइपेन्ड के साथ ऑन-द-स्पॉट अप्रेंटिसशिप ऑफर दिए गए।
इसके साथ ही उन्हें नए कौशल विकसित करने के लिए सरकारी मानकों के अनुसार मासिक स्टाइपेंड मिलेगा, जिससे वे सीखते समय कमाई करने का अवसर प्राप्त करेंगे। उम्मीदवारों को राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र मिलेगा, जिससे प्रशिक्षण के बाद उनके रोजगार की संभावना बढ़ जाएगी।
राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेला के शुभारंभ पर बोलते हुए, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, ने कहा, “मुझे प्रसन्नता है कि देश में 700 से अधिक स्थानों पर 4,000 से अधिक संगठन लाभकारी रोजगार प्रदान करने के लिए इस मेले में भाग ले रहे हैं। अप्रेंटिसशिप मेले के लिए मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, सर्विसेज, पावर, आईटी/आईटीईएस, रेलवे, रिटेल और कई अन्य उभरते क्षेत्रों के जॉब प्रोवाइडर्स को देखना संतोषजनक है।
34 वर्षों के बाद हमारे पास एक नई शिक्षा नीति है जो इस अमृत काल में भारत के परिवर्तन के लिए एक रोडमैप है। प्रशिक्षुओं को ऐकेडेमिक क्रेडिट प्रदान किया जाएगा जिसका उपयोग भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के लिए किया जा सकता है। हमें अप्रेंटिसशिप को स्किल, री-स्किल और अप-स्किल युवा भारत के लिए, प्रति व्यक्ति आर्थिक उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए और राष्ट्रीय मिशनों को चलाने के लिए एक सहभागी आंदोलन बनाना होगा।”
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उन्होंने यह भी कहा कि “आगे जाकर पीएम राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेला एक मासिक कार्य होगा। अप्रेंटिसशिप प्रक्रिया को और अधिक कारगर बनाने और 21वीं सदी में हमारे युवाओं को प्रासंगिक अवसरों से जोड़ने के लिए एक डिजिटल डैशबोर्ड स्थापित किया जाएगा। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि 10 लाख से अधिक प्रशिक्षु कॉरपोरेट्स के साथ प्रशिक्षुओं के रूप में जुड़ें और इस अवसर का लाभ उठाएं ताकि वे सीखते हुए कमा सकें और उन्हें उद्योगों से जुड़ने का प्रवेश द्वार मिल सके।
इस अवसर पर बोलते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “कोविड के बाद हमारा ध्यान अपने रोजगार योग्य कौशल और रोजगार क्षमता बढ़ाने पर है। जैसा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री ने कहा है, स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग को अवसर की एक चढ़ती हुई सीढ़ी के रूप में लिया जाना चाहिए। अप्रेंटिसशिप सबसे स्थाई मॉडलों में से एक है और सरकार, स्किल डिलीवरी ईकोसिस्टम और इम्प्लॉयमेंट के बीच एक सक्षम साझेदारी बनाने के लिए इसकी एक केंद्रीय अवधारणा है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने 2014 और 2015 में अप्रेंटिसशिप एक्ट और अप्रेंटिसशिप नियमों में व्यापक सुधार किए हैं और अब इसे कुशल व्यक्तियों और कौशल सीखने के इच्छित व्यक्तियों, दोनों के लिए ही स्किल ईकोसिस्टम को जोड़ने के लिए एक डायनामिक इवॉल्विंग प्लेटफार्म के रूप में लिया जाना चाहिए। ईकोसिस्टम को अधिक मांग संचालित और प्रभावशाली बनाने के लिए अप्रेंटिसशिप मॉडल को उद्योगों से एक महत्वपूर्ण फीडबैक मैकेनिज़्म के रूप में भी लिया जाना चाहिए। पीएम राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेला उद्योगों को युवाओं से जोड़ने के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा।”
पीएम राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप मेलों में भाग लेने वाले प्रतिष्ठानों को एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर संभावित प्रशिक्षुओं से मिलने और मौके पर ही उम्मीदवारों का चयन करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा, कम से कम चार कामकाजी सदस्यों वाले छोटे पैमाने के उद्योग भी इस कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को रख सकते हैं। एक क्रेडिट बैंक कॉन्सेप्ट भी जल्द ही पेश किया जाएगा जिसमें प्रशिक्षुओं द्वारा जमा किए गए विभिन्न क्रेडिट का डिपॉजिटरी होगा, जिसका उपयोग वे भविष्य के शैक्षणिक मार्गों के लिए कर सकते हैं।
बातचीत के दौरान, श्री धर्मेंद्र प्रधान भुवनेश्वर की एक युवा प्रशिक्षु की उद्यमशीलता की भावना से विशेष रूप से प्रभावित हुए। सरकारी आईटीआई भुवनेश्वर में बेकर एंड कन्फेक्शनर ट्रेड में अप्रेंटिसशिप करने के बाद, वह अपनी खुद की बेकरी शुरू करने की योजना बना रही है। श्री धर्मेंद्र प्रधान ने सभी हितधारकों को अप्रेंटिसशिप के दायरे और पैमाने को और विस्तारित करने के लिए अपनी सोच को व्यापक बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में मौजूद अवसरों के आधार पर इंडस्ट्री-लिंकेज, युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर अप्रेंटिसशिप के अवसरों को बढ़ाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
पीएम अप्रेंटिसशिप मेला, भाग लेने वाले प्रतिष्ठानों के लिए एक बड़ा अवसर बना है क्योंकि वे एक ही मंच पर संभावित प्रशिक्षुओं से मिलने और अपनी आवश्यकताओं के आधार पर आवेदकों को चुनने में सक्षम हुए हैं। इसके अलावा, कम से कम चार कर्मचारियों वाले लघु उद्योग भी मेले में प्रशिक्षुओं को नियुक्त करने में सक्षम हुए हैं।
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