नयी दिल्ली : सरकार ने कौशल विकास केन्द्रों में सामने आई अनियमितताओं के बाद समझा जाता है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना :पीएमकेवीवाई-दो के तहत तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में आगे और आवंटन को रोक दिया गया है। इन राज्यों में कौशल विकास केन्द्र चलाने वाली संस्थाओं में उम्मीदवारों का फर्जी पंजीकरण दिखाने जैसी कई अनियमिततायें सामने आई हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, शुरआती जांच के बाद हमने पाया कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में योजना के तहत चलाये जा रहे व्यावसायिक पाठयक्रमों में कम से कम 40 प्रतिशत उम्मीदवारों के नाम केवल कागजों पर दर्ज थे।
अधिकारी ने बताया कि इन अनियमितताओं को देखते हुये केन्द्र ने कौशल विकास योजना के तहत तीन राज्यों का आवंटन रोक दिया और मामले में आगे जांच का आदेश दिया है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पंजीकरण में धांधली जैसी अनियमितता तब सामने आई जब यह पता चला कि जिस संस्था ने पीएमकेवीवाई के तहत कौशल विकास का काम अपने हाथ में लिया था उसने उसे किसी तीसरे पक्ष को सौंप दिया। अधिकारी ने हालांकि, बताया कि अन्य राज्यों के लिये पीएमकेवीवाई के तहत आवंटन जारी है और उसे निलंबित करने का कोई इरादा नहीं है।
केन्द्र मंत्रिमंडल ने जुलाई 2016 में पीएमकेवीवाई के उन्नत संस्करण जिसे पीएमकेवीवाई-दो कहा गया, को मंजूरी दी थी। इसके तहत 2016 से 2020 तक चार साल में एक करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिये 12,000 करोड़ रपये का आवंटन किया गया।
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ऐसे मामले हमारे सामने आये, हमने इनकी जांच पड़ताल की लेकिन पीएमकेवीवाई-2 मजबूत, पारदर्शी और जवाबदेह योजना है। हम इसके प्रदर्शन से प्रसन्न हैं और हमने इसमें आई कमियों से सीख ली है।
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