नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शामिल प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में फ्रॉड बढ़ता जा रहा है। कई एजेंसियां सरकार से अनुमति लिए बिना युवाओं से मोटी रकम वसूल कर उन्हें झांसा दे रही हैं। यही वजह है कि सरकार न केवल लोगों को इस बारे में जागरूक कर रही हैं, बल्कि सरकार ने 6 एजेंसियों को भी ब्लैक लिस्ट करते हुए लोगों से अपील की है कि वे इन एजेंसियों के झांसे में न आएं।
ये 6 एजेंसियां हुई ब्लैक लिस्ट
मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप ने जिन 6 एजेंसियों को ब्लैक लिस्ट किया है, उनमें दिल्ली की तीन एजेंसियां शामिल हैं। इनमें खानपुर की सोसायटी फॉर इन्वायरमेंट एंड डेवलपमेंट एलायंस, कनॉट प्लेस की एजुविज स्किल इंडिया, पटपड़गंज की वेंड प्ल्स कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसके अलावा ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट कंसलटेंट, नेशनल रिक्रयूटमेंट ग्रुप, मैनपावर रिक्रयूटमेंट एंड प्लेसमेंट सर्विसेज का नाम भी ब्लैक लिस्ट की गई एजेंसी में शामिल हैं।
ऐसे कर रही हैं फ्रॉड
मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने बताया कि ये एजेंसियां मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप (एमएसडीई), नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, निसबड ( नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट) से मान्यता प्राप्त होने का दावा करते हैं और उनके लोगो का इस्तेमाल कर लोगों को ट्रेनिंग ऑफर करते हैं। ये एजेंसियां नौकरी दिलाने का भी वादा करती हैं और इसके बदले मनमाना चार्ज भी वसूल रही हैं। इस तरह की जानकारी मिलने के बाद उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।
वेबसाइट से भी हो रहा है फ्रॉड
कई लोग प्राइम मिनिस्टर स्किल डेवलपमेंट मिशन, एनएसडीसी, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से मिलते-जुलते नाम रख कर भी फ्रॉड कर रहे हैं। ये वेबसाइट नौकरी या ट्रेनिंग देने के नाम पर लोगों से पैसा वसूल रही है। इसके लिए ऑनलाइन ट्रांजैंक्शन का सहारा लिया जा रहा है, या वेबसाइट पर अप्लाई करने के बाद आवेदन को बैंक खाता बताया जाता है, जहां एडवांस फीस जमा होती है। लेकिन एडवांस फीस लेने के बाद न किसी तरह का संपर्क किया जाता है और वेबसाइट पर दिए गए फोन नंबर भी बंद मिलते हैं।
कैसे हो बचाव
मिनिस्ट्री के मुताबिक, जो भी व्यक्ति प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट स्कीम के तहत ट्रेनिंग लेना चाहते हैं, उसे एनएसडीसी व निसबड की वेबसाइट पर जाकर इसकी पुष्टि करनी चाहिए कि जिस सेंटर या एजेंसी वह ट्रेनिंग ले रहा है, वे मान्यता प्राप्त है या नहीं। दोनों वेबसाइट पर उन सेंटर या एजेंसी की लिस्ट है, जो मान्यता प्राप्त हैं। इसके अलावा सरकारी एजेंसी से मिलती जुलती वेबसाइट पर एडवांस फीस से भी बचना चाहिए।
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