भारत सरकार का रिकगनाइजेशन ऑफ़ प्रायर लर्निग (आरपीएल) है परंपरा के हुनर को प्रमाणित करने की योजना : राजीव प्रताप रूडी

कानपुर (उत्तर प्रदेश) : केंद्र सरकार की मंशा परंपरा के हुनर को प्रमाण देना है ताकि व्यक्ति अपने काम में दक्ष होकर बेहतर आजीविका पाए। यह काम किसी राज्य विशेष में नहीं बल्कि देश के सभी जिलों में होगा। चाहे आरपीएल के तहत किसी के हुनर को प्रमाण देना हो या अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार कामगार और सेवा प्रदाता तैयार करना। कौशल विकास योजना के तहत सभी जिलों में इसकी व्यवस्था की जा रही है। इसमें कई हजार करोड़ का निवेश भी होगा। यह कहना है केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी का। श्री रूडी ने विशेष बातचीत में कौशल विकास पर विस्तार से चर्चा की।

श्री रूडी ने बताया कि कौशल विकास के लिए केंद्र सरकार की प्राथमिकता में देश के वह 2500 ब्लाक हैं, जहां आइटीआइ नहीं है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में पहले चरण में 1500 ब्लाक चिन्हित कर युवाओं को आइटीआइ की तर्ज पर डिप्लोमा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस मद में पांच हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्राइवेट पार्टनर इन ब्लाकों में तकनीकी पढाई में सहयोग करेंगे।

प्रधानमंत्री ने सोमवार को 100 स्थानों पर चालक प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की है। ऐसे केंद्र हर जिले में होंगे। यहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार केवल कार या बस नहीं बल्कि रोड रोलर, हैवी इंजीनियरिंग एंड इक्विपमेंट व्हीकल, लोडर, जेसीबी, क्रशर के साथ कामर्शियल प्रयोग में आने वाले हर बड़े वाहन चलाने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। ये प्रशिक्षित चालक भारत के अलावा विदेशों में भी वाहन चला सकेंगे। इन केंद्रों में महिलाओं को भी कामर्शियल वाहनों खासकर कैब सेवा के लिए ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाएगी। भारत में अभी छह लाख चालकों की जरूरत है। यह मांग और बढ़ेगी।

श्री रूडी ने बताया, भारत सरकार की प्राथमिकता रिकगनाइजेशन प्रायर लर्निग (आरपीएल) प्रोग्राम है। इस योजना में परंपरागत हुनर को एक छोटे प्रशिक्षण के बाद प्रमाणपत्र दिया जा रहा है। अगले तीन सालों में 50 लाख हुनरमंदों का प्रमाणीकरण करना है। इसीलिए कंपनियों से एमओयू साइन किए गए हैं। ये कंपनियां परंपरागत हुनर वाले ऐसे लोगों को खोजकर प्रशिक्षित करेंगी। परंपरा के हुनर को प्रमाणपत्र मिलेगा तो वह बेहतर नौकरी पाएंगे। इसके अलावा विभिन्न प्रधानमंत्री कौशल केंद्र, प्रवासी कौशल केंद्र की संख्या अगले सालों में बढ़ाई जाएगी। इस पर विचार चल रहा है।

छोटे शहरों में भी लगेगी प्रदर्शनी

प्रधानमंत्री प्रदर्शनी से काफी खुश हुए और हर हुनरमंद को हमेशा हौसला मिलते रहने का आश्वासन दिया। उनका फोकस प्रशिक्षण और तकनीकी पढ़ाई पर इसीलिए अधिक है कि लोग स्वरोजगार और रोजगार की तरफ बढ़ें। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस प्रकार की प्रदर्शनी कई शहरों में होगी। कौशल विकास प्रदर्शनी छोटे शहरों में भी होगी ताकि विभिन्न क्षेत्रों के लोग सीधे जुड़ें।

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