रीइंम्‍बर्सेबल इंडस्‍ट्री कॉन्ट्रिब्यूशन मॉडल होगा स्किल डेवलपमेंट मिनिस्‍ट्री का नया ट्रेनिंग फाइनेंस मॉडल

रोजगार और ट्रेनिंग से जुड़ी सरकार की नई योजना से जॉब मार्केट की पूरी तस्‍वीर बदलने जा रही है | सरकार की इस पहल से खासकर कमजोर और ग्रामीण पृष्‍ठभूमि से आने वाले लाखों युवाओं को जरूरी ट्रेनिंग के साथ ही जॉब भी मिलेगी | अब अधिकांश मामलों में वे कंपनियां ही आपको ट्रेनिंग देंगी, जिनको आपकी जरूरत है | यानी ट्रेनिंग के बाद आप उन कंपनियों में नौकरी करने लगेंगे | बाकी, सरकार उन कंपनियों को ट्रेनिंग का खर्च देगी | सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार की स्किल डेवलपमेंट मिनिस्‍ट्री ट्रेनिंग फाइनेंस करने के इस नए मॉडल का नाम रीइंम्‍बर्सेबल इंडस्‍ट्री कंट्रीब्‍यूशन मॉडल रखने पर विचार कर रही है |

अभी क्‍या है ट्रेनिंग की तस्‍वीर

इस समय देश में अधिकांश स्किलिंग या ट्रेनिंग सरकारी संस्‍थानों या केंद्रों के माध्‍यम से ही दी जाती है | सिर्फ 36 फीसदी कंपनियां ही इन-हाउस एंटरप्राइज आधारित ट्रेनिंग देती हैं | सरकार की नई पहल से इस संख्‍या में बड़ा इजाफा होने की संभावना है |

क्‍यों जरूरत पड़ी इसकी

सरकार पर लगातार जॉबलेस इकोनॉमिक ग्रोथ का आरोप लग रहा है | जॉब नहीं मिलने से युवाओं में भी असंतोष है | सरकार के स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत ट्रेनिंग सेंटर में मिली ट्रेनिंग की क्‍वालिटी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं | ट्रेनिंग के बाद भी बड़ी संख्‍या में युवकों को जॉब नहीं मिल रही है | कंपनियां और इंडस्‍ट्री एसोसिएशन लगातार कह रही हैं कि उन्‍हें काम करने लायक लोग नहीं मिल रहे है, जबकि उनके पास जॉब हैं | उनके अनुसार, कॉलेजों और ट्रेनिंग संस्‍थानों से जो बच्‍चे आ रहे हैं, उनमें जरूरी कौशल का अभाव है | ऐसे में सरकार के लिए ट्रेनिंग के पूरे सिस्‍टम को बदलना जरूरी हो गया था |

यूरोप, चीन व अमेरिका में सफल है यह ट्रेनिंग मॉडल

ट्रेनिंग और जॉब का यह सिस्‍टम फिलहाल यूरोप, चीन और अमेरिका समेत दुनिया के 62 मुल्‍कों में सफलतापूर्वक चल रहा है| भारत में तो महज 36 फीसदी कंपनियां ही इन-हाउस ट्रेनिंग देती हैं, लेकिन जर्मनी में 86 फीसदी, चीन में 85 फीसदी, रूस में 52 फीसदी, ब्राजील व मेक्सिको में 51 फीसदी कंपनियां इन-हाउस ट्रेनिंग देकर युवाओं को नौकरी पर रख लेती हैं |

फंड की किस तरह होगी व्‍यवस्‍था

कंपनियों को ट्रेनिंग के लिए सेंट्रल फंड से पैसे दिए जाएंगे | सेंट्रल फंड का निर्माण लेवी और प्राइवेट कंपनियों के सीएसआर कंट्रीब्‍यूशन से किया जाएगा | इंडस्‍ट्री का जितना सीएसआर कंट्रीब्‍यूशन होगा, सरकार भी उतनी ही रकम इस फंड में डालेगी |

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.