नई दिल्ली : केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने रोजगार के अवसर घटने के श्रम ब्यूरो के आंकड़ों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि ये त्रुटि पूर्ण पद्धति, अपर्याप्त सर्वेक्षण, छोटे क्षेत्र और गलत स्थानों के अध्ययन पर आधारित है। रुड़ी ने यूनीवार्ता के साथ विशेष बातचीत में कहा, श्रम ब्यूरो का सर्वेक्षण आठ उद्योग क्षेत्रों और 10 से अधिक कर्मचारी वाली उद्योग इकाईयों पर आधारित है।
इसमें कृषि क्षेत्र के रोजगार के अवसरों को शामिल नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि श्रम ब्यूरो अपने अध्ययन में आठ उद्योग क्षेत्रों में 10 से अधिक कर्मचारी वाली इकाईयों को शामिल करता है। इसका तात्पर्य है कि इस सर्वेक्षण में केवल तीन करोड़ श्रमिकों को शामिल किया जाता है। कृषि जैसे क्षेत्र को छोड़ दिया जाता है जहां 47 करोड़ से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। श्रम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 और 2016 में रोजगार के अवसर वर्ष 2009 के बाद से सबसे कम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये आंकड़े पूरे देश के रोजगार के अवसरों को दिखाने के लिए पर्याप्त नहीं है। ये आंकडे गैर कृषि आर्थिक गतिविधियों के हैं। इनमें कृषि क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को शामिल नहीं किया गया है। श्रम ब्यूरो के आंकड़ों में मात्र 11 राज्यों को शामिल किया जाता है।
रुड़ी ने कहा कि वर्ष 2016 में अक्टूबर से दिसंबर की अवधि में 1.32 लाख नयी नौकरियां सृजित की गई है। इससे पिछले तिमाही में 32 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरियां दी गई है। अप्रैल से जून 2016 की अवधि में 77 हजार रोजगार के अवसर पैदा किए गए हैं।
उन्होंने साफ किया कि कौशल विकास का मकसद रोजगार के अवसर सृजित करना नहीं बल्कि उत्पादकता बढ़ाना तथा लोगों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देना है। उन्होंने अपने कौशल विकास मंत्रालय को ‘स्टार्टअप मंत्रालय’ करार देते हुए कहा कि मंत्रालय के कार्य अगले कुछ वर्ष में दिखाई देना शुरू कर देंगे।
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