रांची : युवा भारत का इस समय सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा है आर्थिक मंदी से घटती नौकरियां। तो बुढ़ाते जापान का सबसे बड़ा सवाल-बुजुर्गों की देखभाल कौन करेगा? अब दोनों जुड़ते दिख रहे हैं। जापान ने भारत की दुखती रग पर हाथ रखा है। बुजुर्गों की देखभाल के लिए दो लाख लोग मांगे हैं। इन्हें 60 से 70 हजार रुपए मासिक वेतन देने की पेशकश की है। इसके बाद नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने झारखंड सरकार से पूछा है वह इसमें कितना योगदान दे सकता है। कॉरपोरेशन अन्य राज्याें से विचार-विमर्श के बाद इस पर फैसला लेगा।
अगर भारत ने जापान के इस प्रस्ताव को मान लिया तो झारखंड से भी काफी लोगों को जापान में नौकरी मिलने का मौका मिलेगा। झारखंड से कितने लोग जापान जाएंगे, यह नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया तय करेगा। जापान भेजने से पहले इन लोगों को स्किल डेवलपमेंट प्लान के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें जापान की भाषा, रहन-सहन और संस्कृति के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही बुजुर्गों की देखभाल के लिए जरूरी बातों की जानकारी भी दी जाएगी। वहां जाने वालों के लिए कोई शर्त नहीं होगी। जब भी इच्छा हो, वे वापस अपने देश सकेंगे।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास फिलहाल जापान दौरे पर हैं। झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन के वरीय अधिकारियों ने उन्हें जापान के इस प्रस्ताव की जानकारी दी है। कहा है कि अगर वहां यह मुद्दा उठा तो वे इस पर बातचीत करें। उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस मुद्दे पर केंद्र के स्तर पर फैसला होना है। अगर ऐसा हुआ तो झारखंड भी अपनी रणनीति बनाएगा।
जापान की आबादी लगभग 12.71 करोड़ है। 2014 की जनगणना के मुताबिक इनमें 33 फीसदी लोग 60 साल से अधिक उम्र के हैं। 25.9% लोग 65 पार के हैं। वहीं 12.5% लोगों की उम्र 75 साल से अधिक है। हाल के एक आंकड़े के मुताबिक 67,782 लोगों की उम्र 100 से अधिक है। ऐसे में वहां बुजुर्गों की देखभाल सबसे बड़ी समस्या बन गई है। वहां की सरकार बुजुर्गों की देखभाल के लिए बजट की बड़ी राशि खर्च करती है।
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