अब रोजगार के लिए विदेश जाने के इच्छुक कामगारों को उनके हुनर का सर्टिफिकेट भी मिलेगा| इसके लिए नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन यानी एनएसडीसी (NSDC) ने काम शुरू कर दिया है|
जल्दी ही इसके लिए ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन का शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू हो जाएगा| इन दिनों अक्सर विदेशों में रोजगार करने गए असंगठित कामगारों के साथ ज्यादती की खबरें आती रहती हैं| बिना डिग्री या योग्यता प्रमाणपत्र के जब नौजवान अरब के खाड़ी देशों में जाता है तो वहां अक्सर उनको ऊंट, बकरी या मवेशी चराने या फिर कोई भी मजदूरी का काम करने को विवश कर दिया जाता है| पासपोर्ट नियोक्ता के पास जब्त रहता है|
नरक की जिंदगी गुजारने वाला नौजवान शिकायत भी नहीं कर पाता क्योंकि हुनर का कोई सर्टिफिकेट उसके पास होता ही नहीं| अब चाहे बढ़ई हो या राज मिस्त्री, ड्राइवर हो या प्लंबर या फिर किसी उसके हाथों में हो किसी भी तरह का हुनर| सरकार उसकी योग्यता को न केवल निखारने बल्कि उसका सर्टिफिकेट भी देने को तैयार है ताकि उनको परदेस में किसी तरह की कोई परेशानी ना आए|
फिलहाल, एनएसडीसी ने डालमिया ग्रुप के साथ भी हाथ मिलाए हैं. ये ग्रुप अपने स्तर पर अगले दस साल में 60 हजार युवाओं को तीन और छह महीने के कोर्स चलाकर 17 किस्म के रोजगार का हुनर विकसित कर सर्टिफिकेट देगा|
एनएसडीसी ने इस साल एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को हुनरमंद बनाने का लक्ष्य रखा है| आंकड़े बताते हैं कि हर साल करीब डेढ़ हजार क्षेत्रों में रोजगार के सवा करोड़ से ज्यादा अवसर आते हैं| इसका सटीक इस्तेमाल करने के लिए एनएसडीसी ने करीब डेढ़ हजार देसी विदेशी कॉरपोरेट घरानों से करार किए हैं| इन संस्थानों में अपना हुनर निखारने के बाद नौजवान अपना रोजगार करें या फिर नौकरी| लेकिन देश के विकास में योगदान जरूर करेंगे|
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