नई दिल्ली. अगर आप स्कूल में बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन किसी और पेशे से जुड़े हैं, तो भी आप बच्चों को पढ़ा सकेंगे। मोदी सरकार आपको पढ़ाने के अपने सपने को पूरा करने का मौका देने जा रही है। ऐसे लोगों के लिए जो शिक्षक नहीं है लेकिन बच्चों को पढ़ाने की हसरत रखते हैं, मोदी सरकार 16 जून से विद्यांजलि योजना शुरू करने जा रही है। इसके तहत स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक होने की बाध्यता खत्म होगी।
इस योजना का मकसद आम जन को सरकारी स्कूलों से जोड़कर उनका विकास करना है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से विद्यांजलि योजना की शुरुआत आगामी 16 जून से होगी। 10 राज्यों के सरकारी स्कूलों में योजना लागू होगी। बीते आठ फरवरी को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की राज्यों के अफसरों के साथ बैठक में इस योजना के संचालन पर सहमति बनी।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने सरकारी स्कूलों के विकास में आम लोगों को जोड़ने की अपनी पहल के तहत यह योजना शुरू की है। यानी, मुमकिन है कि आप पाएं कि किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी का रिटायर्ड इंजीनियर छात्रों को गणित के फामरूले सिखा रहा है और कोई मशहूर संगीतकार सरकारी स्कूलों के छात्रों के साथ ताल में ताल मिला रहा है। इस योजना पर तैयारी पिछले साल ही शुरू कर दी गई थी। आठ फरवरी को राज्यों के साथ हुई बैठक में भी इस पर राज्यों से सहमति ली गई थी। अब तक 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस पर अपनी सहमति दे दी है।
इसके तहत विद्यांजलि या माईगॉवडॉटइन (mygov.in) वेबसाइट पर जाकर कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के स्कूल में अपनी सेवा देने का प्रस्ताव कर सकता है। संबंधित स्कूल की ओर से उससे संपर्क कर उसका सहयोग लिया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया है कि इसमें स्कूल के पास के इलाके की पढ़ी-लिखी या हुनरमंद घरेलू महिलाओं से लेकर प्रवासी भारतीय तक कोई भी शामिल हो सकता है। सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों और सैन्यकर्मियों को खास तौर पर इसमें शामिल किया जाएगा।
अगर ये नियमित सेवा देने को तैयार होते हैं तो इन्हें अलग से मानदेय भी दिया जा सकेगा। मंत्रलय ने यह भी साफ कर दिया है कि इस वालंटियर सेवा को औपचारिक तौर पर होने वाली शिक्षकों की भर्ती के अतिरिक्त माना जाएगा और इसका मुख्य भर्ती पर कोई असर नहीं पड़ेगा, न ही इन पर मुख्य पाठ्यक्रम की जिम्मेवारी होगी। पढ़ाने के साथ ही ये खेलकूद, कौशल विकास, स्वास्थ्य संबंधी अच्छी आदतों के बारे में जानकारियां, योग और आसन का प्रशिक्षण, संगीत और कलाओं का प्रशिक्षण आदि गतिविधियों में भी मदद कर सकेंगे।
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