नई दिल्ली : बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पहली रेल यूनिवर्सिटी खोलने को मंजूरी दे दी गई। इस नए विश्वविद्यालय की फंडिंग पूरी तरह रेल मंत्रालय करेगा। इस यूनिविर्सटी में 3,000 स्टूडेंट्स दाखिला लेंगे। इन स्टूडेंट्स को रेलवे से जुड़ी हर तरह के स्किल को डेवलप किया जाएगा।
2018 में होगा पहल सत्र
सरकार की ओर से बयान में कहा गया, ‘सरकार अप्रैल 2018 तक सभी स्वीकृतियां देने तथा जुलाई-2018 में पहला शैक्षिक सत्र शुरू करने की दिशा में काम कर रही है। प्रधानमंत्री द्वारा पेश यूनिवर्सिटी स्थापना का प्रेरक विचार नए भारत की दिशा में रेल और परिवहन क्षेत्र में बदलाव का अग्रदूत होगा।’ बयान में कहा गया है कि रेल मंत्रालय कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा आठ के अंतर्गत लाभ नहीं कमाने वाली कंपनी बनाएगा, जो प्रस्तावित यूनिवर्सिटी की मैनेजमेंट कंपनी होगी। नए विश्वविद्यालय की फंडिंग पूरी तरह रेल मंत्रालय करेगा।
मैनेजमेंट कंपनी की यूनिवर्सिटी
मैनेजमेंट कंपनी यूनिवर्सिटी को वित्तीय तथा संरचना संबंधी समर्थन देगी और यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और प्रो चांसलर की नियुक्ति करेगी। पेशेवर लोगों और शिक्षाविदों वाला प्रबंधन बोर्ड प्रबंधक कंपनी से स्वतंत्र होगा और उसे अपने सभी अकादमिक तथा प्रशासनिक दायित्व निभाने की आजादी होगी। बयान में कहा गया है कि इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए वडोदरा स्थित भारतीय रेल की राष्ट्रीय अकादमी (एनएआईआर) की मौजूदा जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा और विश्वविद्यालय उद्देश्य के लिए इनमें आवश्यक संशोधन किया जाएगा।
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