रेलकर्मियों के बेटे-बेटियां अब कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षण लेकर हुनरमंद बनेंगे। रेलवे की ओर से धनबाद समेत देश के सभी मंडलों में रोजगार मूलक हुनर सिखाने के लिए युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग कौशल विकास केंद्र के अलावा स्टेशनों, स्कूलों, वर्कशॉप रेलवे प्रशिक्षण केंद्रों में भी दी जाएगी। ताकि रेलकर्मियों के बच्चों को भविष्य में आगे चलकर समय पर अगर सरकारी नौकरी नहीं मिली तो स्वयं रोजगार कर सकते हैं। उन्हें किसी का मोहताज नहीं बनना पड़ेगा। कौशल विकास केंद्र में घरेलू उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस ट्रेनिंग के बाद खुद का अपने घर में लघु उद्योग स्थापित कर सकते हैं। वह दूसरे को रोजगार भी दे सकते हैं। इस दिशा में रेलवे तेजी से काम कर रही है। रेलकर्मियों के बेटे-बेटियों को ट्रेनिंग लेने के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा। 15 वर्ष उससे अधिक उम्र के बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग छह माह के लिए होगा। जो छात्र-छात्राएं जिस कार्य के लिए ट्रेनिंग लेंगे, उन्हें फॉर्म में भरना होगा।
रेलवे के अनुसार स्टाफ बेनीफिट फंड से रेलकर्मियों के बेटे-बेटियों को सिलाई करने, रसोई से संबंधित कई प्रकार के लजीज व्यंजन बनाने, मोबाइल बनाने, कंप्यूटर की शिक्षा समेत छोटे-छोटे घरेलू उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। रेलवे बेहतर रोजगार की दिशा में अग्रसर करने के लिए कदम उठा रही है। ट्रेनिंग में कितना खर्च होगा, इसकी निगरानी के लिए रेलवे की ओर से नोडल पदाधिकारी की तैनाती होगी। पूरा ब्यौरा नोडल पदाधिकारी डीआरएम को सौंपेंगे। बीच-बीच में ट्रेनिंग सेंटर का डीआरएम निरीक्षण भी करेंगे। किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर नोडल पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी। रेलवे में प्रशिक्षण दिलाने वाले की नियुक्ति होगी।
रेलवे में नौकरी की भी मिलेगी ट्रेनिंग
रेलवे के अनुसार कौशल विकास केंद्र में रेलवे में विभिन्न पदों पर नौकरी के लिए भी ट्रेनिंग दी जाएगी। नौकरी की ट्रेनिंग से पहले युवाओं को फॉर्म भर कर परीक्षा देना होगा। परीक्षा में पास होने के बाद रेलवे की ट्रेनिंग लेंगे। नौकरी की ट्रेनिंग लोको वर्कशॉप, डीजल शेड, कैरेज एंड वैगन वर्कशॉप अन्य जगहों पर खुले केंद्र में लेंगे। यह ट्रेनिंग भी छह माह की होगी। रेलवे की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में भी कौशल विकास केंद्र खोलने की योजना है, जहां गांव के युवा घरेलू उत्पाद की ट्रेनिंग लेंगे। युवा काफी कम फीस देकर ट्रेनिंग ले सकते हैं। एक साल में रेलवे की ओर से रेलवे केंद्रों समेत ग्रामीण क्षेत्रों में 13 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि वे रोजगार कर अपना परिवार का अच्छी तरह से भरण पोषण कर सकेंगे।
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