नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मानकों की तर्ज पर कौशल विकास के लिए सरकार जल्द प्रवासी कौशल विकास योजना (पीवीकेवाई) शुरू करेगी, जिससे विदेशों में रोजगार के इच्छुक भारतीयों को मदद मिलेगी।
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव , प्रवासी भारतीय मामलों के प्रभाग मनीष गुप्ता ने बताया कि इस योजना पर काम लगभग अंतिम चरण में है। विदेश मंत्रालय (एमईए) और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने पीवीकेवाई लागू करने के लिए जुलाई में एक समझौता ग्यापन पर हस्ताक्षर किये थे।
कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानकों की तर्ज पर विदेश में चुनिंदा क्षेत्रों में रोजगार और नौकरी में भूमिकाओं के इच्छुक भारतीय कार्यबल का प्रशिक्षण एवं प्रमाणीकरण करना है।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम अपने प्रशिक्षण सहयोगियों के माध्यम से एमईए और एमएसडीई के परामर्श पर योजना का क्रियान्वयन करेगा।
उन्होंने बताया कि इस साल के शुरू में भारत और यूरोपीय संघ ने आव्रजन एवं पारगमन के संबंध में एक साझा एजेंडा के संदर्भ में एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया था।
गुप्ता ने बताया कि भारत के पास तीन करोड़ प्रवासी कामगार हैं और पिछले साल इनसे भारत को 70 अरब डॉलर की राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा, लेकिन हम पूरी तरह से इसकी क्षमता का दोहन करने में सक्षम नहीं हैं और सरकार इस पर काम कर रही है।
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