अंबाला : रेल यात्रियों और आम जनता की नजर में रेलवे की छवि बेहतर करने के लिए रेल विभाग ने अब कुलियों का सहारा लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए बकायदा कुलियों को स्किल डेवेलपमेंट और यात्रियों के साथ व्यवहार की ट्रेनिंग भी दिलवाई जाएगी। नोर्दर्न रेलवे में अंबाला मंडल पहला ऐसा मंडल है जहां कुलियों की स्किल डेवेलपमेंट और व्यवहार में बेहतरी की ट्रेनिंग शुरू की गई है। रेल मंत्रालय की इस पहल से अब सहायक भी ख़ुश दिखाई दे रहे हैं।
अपनी यात्रा के समय अक्सर रेलवे स्टेशन पर सबसे पहले यात्री अगर किसी से मिलते हैं तो वो हैं सहायक(कुलि) जो लोगों बोझ उठाकर अपनी रोजीरोटी कमाते हैं। ऐसे में अगर किसी सहायक का बर्ताव सही नहीं होता इसका सीधा-सीधा असर रेलवे की छवि पर भी पड़ता है। इसी बात के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने सहायकों(कुलियों) को प्रशिक्ष्ण देने का निर्णय लिया है। जिसमे सहायकों को न केवल लोगों के साथ बोल-चाल बल्कि उनकी स्किल डेवेलपमेंट के साथ-साथ उनके सामान उठाने के तरीके को भी सुधारा जायेगा।
इसकी शुरुआत नोर्दर्न रेलवे में सबसे पहले अंबाला मंडल से की जा चुकी है। जहां शुरूआती चरण में नेशनल स्किल डेवेलपमेंट कोर्पोरेशन की मदद से लगभग 50 सहायकों को ट्रेनिंग दी गई है। सहायकों को दी जाने वाली ट्रेनिंग की जानकारी देते हुए अंबाला मंडल के DRM ने बताया कि इस ट्रेनिंग के दौरान सहायकों को यह बताया जा रहा है कि उन्हें स्टेशन पर आने वाले यात्रियों से किस प्रकार बातचीत करनी चाहिए और किस तरह की सुविधा देनी चाहिए। इसके साथ साथ कुलियों की सेहत का ध्यान रखने के लिए भी उन्हें वजन उठाने के सही तरीकों की भी जानकारी दी जा रही है।
लोगों का बोझ उठाकर रोजी रोटी कमाने वाले कुलियों में इस ट्रेनिंग को लेकर ख़ुशी है। उन्होंने बताया कि यात्रियों के साथ उनका बर्ताव पहले भी अच्छा रहता था लेकिन इस ट्रेनिंग के बाद उन्हें कई और बातें सीखने को मिली हैं। सहायकों ने बताया कि ट्रेनिंग में सीखी गई बातों का असर उनके काम पर भी पड़ेगा जिससे उन्हें उम्मीद है कि ज्यादा लोग उन तक आएंगे और उनका पहले से बेहतर होगा सहायकों(कुलियों) ने ट्रेनिंग में वजन उठाये जाने के सही तरीके बताये जाने की भी सराहना की और कहा कि इससे वो लंबे समय तक स्वस्थ रहकर काम कर पाएंगे।
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