हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न प्रकार की आठ उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए नासकॉम के प्लेटफॉर्म – फ्यूचर स्किल्स की आज शुरुआत की। मोदी ने सूचना प्रौद्योगिकी पर वर्ल्ड कांग्रेस (डब्ल्यूसीआईटी), 2018 के उद्धाटन सत्र के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इस प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया। नासकॉम ने लोगों को फिर से नए कौशल सीखने की विभिन्न पहलों को मजबूत बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ एक करार भी किया है। नासकॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने कहा, हमारा मकसद प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े 20 लाख प्रौद्योगिकी पेशेवरों को फिर से कौशल प्रदान करना तथा 20 लाख संभावित कर्मचारियों तथा छात्रों का अगले कुछ साल में कौशल विकास करना है। उन्होंने कहा, इस मंच के जरिये कृत्रिम समझ, वर्चुअल रीयल्टी, रोबोटिक, प्रसंस्करण स्वचालन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बड़े पैमाने पर आंकड़ों का विश्लेषण, 3डी प्रिंटिंग, क्लाउड कंप्युटिंग जैसे क्षेत्रों में कौशल विकास और उसे निखारने की पेशकश की जाएगी।
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि डिजिटल सशक्तिकरण तभी हो सकता है जब डिजिटल प्रौद्योगिकी सब तक पहुंचे। उन्होंने कहा, कृत्रिम समझ, ब्लॉकचेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स, युवा पेशेवरों में फिर से कौशल विकास महत्त्वपूर्ण है। एक सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है जो देश में डाटा सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों का अध्ययन करेगी और प्रस्तावित डाटा संरक्षण विधेयक को लेकर सुझाव देगी। उन्होंने कहा कि समिति ने अभी रिपोर्ट नहीं दी है।
Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.