नई दिल्ली : जो कामगार सड़क पर गिट्टी-मिट्टी का काम कर रहे थे, वह अब राजमिस्त्री बन गए हैं। वह भी सरकार द्वारा प्रमाणित किए हुए। जी, हां राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण से जुड़े ढाई हजार कामगारों को केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रशिक्षण (स्किल डेवलपमेंट) दिलाकर उन्हें इस लायक बनाया गया है। इन कामगारों को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी 22 दिसंबर को प्रमाण पत्र देंगे। मंत्रालय अगले छह माह में 1,00,000 लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ज्यादातर लोगों को रोजगार मुहैया कराने के संकल्प को पूरा करने के लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा यह पहल की गई है। उनका मानना है कि जो लोग सड़क निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं, उन्हें बेहतर प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया जा सकता है। इसी कड़ी में केन्द्रीय कौशल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर ऐसे कामगारों को प्रशिक्षण करने का कार्य शुरू किया गया है। पहली कड़ी में 2500 लोगों को दो ट्रेड राजमिस्त्री व वार वेंडर (सरिया का जाल बनाने वाले) का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण का आयोजन डायरेक्टरेट जनरल आॅफ ट्रेनिंग (डीजीटी) की ओर से किया गया।
प्रशिक्षित लोगों को स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय के नेशनल काउंसिल आॅन वेकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) का प्रमाण पत्र मिलेगा। इसमें उनके कार्य क्षेत्र की क्षमता का उल्लेख होगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों की जानकारी स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। जिससे कुशल लोगों की तलाश करने वाले लोगों को ऐसे लोग उपलब्ध हो सकें और काम की तलाश वाले लोगों को उनकी निपुणता वाला काम मिल सके। इस प्रशिक्षण कार्य से अकुशल से कुशल होने वाले सड़क निर्माण क्षेत्र के लोगों को इसका काफी फायदा होगा। प्रशिक्षण प्राप्त लोग जिस कंपनी में काम कर रहे हैं, वहीं उनको अधिक पैसा मिलने लगेगा। इसके अलावा वह दूसरी जगह पर आसानी से काम पा सकेंगे। खासकर विदेश जाने पर सरकारी प्रणाम पत्र रोजगार दिलाने में काफी सहायक होगा। इसके अलावा मंत्रालय कारपेंटर, सेटरिंग, जेसीबी, लेवलर मशीन चलाने का प्रशिक्षण भी देगा। अगले साल तक एक लाख से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि कड़े नियम और बजट का प्रावधान करने के कारण सड़क निर्माण क्षेत्र में सरकार का कौशल विकास कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है। मंत्रालय ने प्रशिक्षण कार्यक्रम पर होने वाले खर्च के लिए सड़क परियोजना की कुल लागत 2.8 फीसदी आकस्मिक योजना में प्रावधान किया गया। आकस्मिक योजना के फंड का .05 फीसदी स्किल डेलपमेंट पर खर्च करने का प्रावधान है। कौशल विकास के लिए सड़क परियोजनाओं के करार (एमसीए) में बदलाव किया गया। 100 करोड़ लागत वाली सड़क परियोजनाओं की समस्त निर्माण कंपनियों को कुल स्टाफ का 10 फीसदी प्रशिक्षित प्राप्त कामगारों का रखना अनिवार्य किया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के दौरान कामगारों को कंपनी की ओर से न्यूनतम वेतन के तहत 15,000 रुपए प्रति माह का भुगतान किया गया है।
आपने कहा
सड़क निर्माण कार्य में बहुत सारे लोग लगे हुए हैं। हम इस काम से जुड़े लोगों को हुनरमंद बनाना चाहते हैं। इसके लिए कौशल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। हमने आने वाले समय में एक लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया है।
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