“विश्वविद्यालयों की रैंकिंग सुधारने के लिए शोध और इनोवेशन के साथ कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा ज़रूरी” : मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर

बनारस : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पहली बार शताब्दी वर्ष में गुरुवार को केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की समीक्षा बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही रैंकिंग में सुधार पर विचार-विमर्श हुआ। 36 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों की रैंकिंग बढ़े, हमें इस ओर ध्यान देना होगा। इसके लिए शोध और इनोवेशन के साथ कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना होगा।

उन्होेंने कुलपतियों से कहा कि जिस विश्वविद्यालय में जो कुछ अच्छा हो रहा है, हमें उससे सीखने जरूरत है। हमें साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में दीनदयाल कौशल केंद्र की स्थापना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि हमें ब्रिक्स देशों से सीख लेनी होगी जहां विद्यार्थियों के पठन-पाठन के साथ उनके कौशल विकास पर खास ध्यान दिया जाता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने कहा कि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू कर अंतरविषयी शोध बढ़ाए जाने चाहिए। उन्होेंने विश्वविद्यालय में एससी-एसटी सेंटर, काउंसलिंग सेंटर, इक्वल अपॉरच्युनिटी सेल स्थापित करने पर जोर दिया।

बैठक में सभी कुलपतियों ने अपने-अपने विश्वविद्यालयों में हो रहे शोध, अनुसंधान, पाठ्यक्रम व बुनियादी सुविधाओं के साथ अपनी उपलब्धियों की जानकारी दी। कुलपतियों ने रिसर्च के लिए बजट बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के साथ शैक्षणिक समझौते किए जाने की भी जरूरत है। स्वागत बीएचयू कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने किया। संचालन प्रो. संगीता पंडित व धन्यवाद ज्ञापन यूजीसी के सचिव डॉ. जसपाल सिंह संधू ने किया। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो. आरसी सोबती और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतन लाल हंगलू भी मौजूद रहे।

जावडेकर ने बताया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला प्रकरण की रिपोर्ट जस्टिस रूपनवाल आयोग ने मंत्रालय को सौंप दी है। रिपोर्ट को शुक्रवार को सार्वजनिक करने के साथ ही इस बारे में फैसला भी लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान में भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए मंत्रालय ने कुछ फैसले लिए हैं, जिन्हें हर विश्वविद्यालय में लागू कराया जाएगा। इसके तहत विश्वविद्यालय में इंडक्शन कोर्स आयोजित कराए जाएंगे। छात्रों और शिक्षकों बीच संवाद स्थापित करने की पहल की जाएगी। विद्यार्थियों की काउंसलिंग के साथ ग्रीवांस सेल में आने वाली शिकायतों का तुरंत निस्तारण की व्यवस्था बनाई जा रही है। यह पूछे जाने पर रोहित दलित था या नहीं, मंत्री ने कहा, उन्होंने रिपोर्ट अभी देखी नहीं है।  रिपोर्ट देखने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.