यूपीटीटीआई बनेगा देश का पहला टेक्सटाइल विश्वविद्यालय

कानपुर : उत्तर प्रदेश वस्त्र प्रौद्योगिकी संस्थान (यूपीटीटीआई) देश का पहला टेक्सटाइल और शहर का चौथा विश्वविद्यालय होगा। विजन 20/20 के रूप में यूपीटीटीआई को विश्वविद्यालय बनाने की शुरुआत स्वायत्तता मिलने के बाद हो गई है। यहां तक कि यूपीटीटीआई को यूजीसी और एकेटीयू से एनओसी मिल गई है। अब यूपीटीटीआई एकेटीयू पर निर्भर होने की बजाए डिग्री छोड़कर परीक्षा कार्यक्रम से लेकर रिजल्ट तक सारे काम खुद करेगा।

यूपीटीटीआई को 2012-13 में ही ऑटोनामी (स्वायत्तता) मिल गई थी, लेकिन यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई थी। अब यूपीटीटीआई में इस बार दिसंबर में होने वाली सेमेस्टर परीक्षा से यूपीटीटीआई में ऑटोनामी लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। निदेशक प्रो.डीबी शॉक्यवार ने बताया कि यूजीसी और एकेटीयू ने एनओसी दे दी है। अब एकेटीयू से सिर्फ डिग्री ली जाएगी। टेबुलेशन रजिस्टर भी यूपीटीटीआई बनाकर छात्रों को देगा। इसमे छात्रों के सेमेस्टरवार नंबर दर्ज किए जाते है। ऑटोनामी लागू होने से यूपीटीटीआई को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने में बड़ी मदद मिलेगी। अभी तक देश में कोई भी टेक्सटाइल यूनिवर्सिटी नहीं थी। इसका बड़ा फायदा केंद्र सरकार के कौशल विकास मिशन के तहत छात्रों को मिलेगा।

खुद कराएगा परीक्षाएं

स्वायत्ता मिलने के बाद यूपीटीटीआई खुद परीक्षा कराएगा। अभी तक वह एकेटीयू पर निर्भर था। अब यूपीटीटीआई परीक्षा की तारीख घोषित करने के साथ ही प्रश्न-पत्र और रिजल्ट भी तैयार करेगा। परीक्षा की कॉपी भी यूपीटीटीआई के ही प्रोफेसर चेक करेंगे। टेबुलेशन रजिस्टर तैयार करके उसमे नंबर भी यूपीटीटीआई अंकित करके एकेटीयू को देगा। एकेटीयू से सिर्फ डिग्री आएगी।

छात्रों को मिलेगी राहत

यूपीटीटीआई को अभी तक एकेटीयू के शेड्यूल के मुताबिक चलना पड़ता था। ऐसे में छात्रों का समय बर्बाद होता था। अब सभी निर्णय यूपीटीटीआई खुद लेगा। एकेटीयू के डेढ़ महीने की परीक्षा यूपीटीटीआई सिर्फ 15 दिन में करा देगा। इससे छात्रों को इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग करने का मौका भी मिलने लगे। इससे रोजगार के अवसर विकसित होगे।

लखनऊ की दौड़ बचेगी

अभी तक यूपीटीटीआई छात्रों को नंबर से लेकर अन्य तरह की गड़बड़ी होने पर लखनऊ एकेटीयू की दौड़ लगानी पड़ती थी। इससे उनको कई-कई दिन परेशान होना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा। किसी भी तरह की गड़बड़ी और परेशानी अब यूपीटीटीआई से ही हल हो जाएगी। इससे छात्रों की लखनऊ की दौड़ बचेगी।

कोर्स व सीटों का ब्योरा

बीटेक- टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी- 40 सीटें, टेक्सटाइल इंजीनियरिंग-40 सीटें, टेक्सटाइल केमिस्ट्री-60 सीटें, मैन मेड फाइबर टेक्नोलॉजी-60 सीटें

एमटेक- टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी-12 सीटें, टेक्सटाइल केमिस्ट्री-16 सीटें

पीएचडी- टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी,  टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल केमिस्ट्री, मैन मेड फाइबर टेक्नोलॉजी

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