वाराणसी : भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों से जुड़े छह शिल्पों के लिए बनारस में 20 करोड़ रुपये की लागत से मेगा क्लस्टर शुरू होगा। यह पहला मौका है जब साड़ी बुनकरों से अलग हस्तशिल्पियों के विकास के लिए केंद्र ने क्लस्टर को मंजूरी दी है।
केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय की सचिव रश्मि वर्मा ने बताया कि बनारस के लकड़ी के खिलौने, बीड्स (कांच की मोतियां), गुलाबी मीनाकारी, धातु शिल्प, स्टोन क्राफ्ट और आर्टिफिशल जूलरी को शिल्प के तौर पर मेगा क्लस्टर से जोड़ा जाएगा। क्लस्टर में शिल्पियों को कौशल विकास के साथ ही तकनीक और डिजाइन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिल्पियों को पहचान पत्र भी जारी किए जाएंगे।
जीआई पर बनी फिल्म : केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की सचिव रीता तेवतिया ने बुधवार को जीआई उत्पादों पर बनी फिल्म और कैटलॉग का विमोचन किया। इस कैटलॉग और फिल्म के जरिए शिल्पियों की कला देश-दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचेगी। संस्था ह्यूमन वेलफेयर असोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में वाणिज्य सचिव ने कहा कि शिल्पियों, बुनकरों और अन्य उत्पादकों की जिंदगी में बदलाव के लिए जीआई उत्पादों को मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया से जोड़े जाने पर काम चल रहा है। इससे दुनिया के बाजार में बनारस के जीआई उत्पाद की धूम होगी। इस मौके पर उन्होंने 75 बुनकरों को जीआई ऑथराइज्ड यूजर का प्रमाण पत्र प्रदान किया।
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