राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सहयोग से नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् ने स्थापित किया प्रधानमंत्री कौशल केंद्र

नई दिल्ली : देश में कौशल विकास के उद्देश्य से और उससे समाज के कमजोर वर्गों के युवाओं और महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए सरकार ने 12 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। जिससे लोग अपनी एक बेहतर आजीविका के साथ सुखद व सम्मानजनक जीवनयापन कर सके। यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली के मंदिर मार्ग पर देश के पहले प्रधानमंत्री कौशल केंद्र के उद्घाटन समारोह में दी। यह प्रधानमंत्री कौशल केंद्र नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के सहयोग से स्थापित किया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कुशलता से अपने आप सम्मान मिलता है। जहां कुशलता होती है, वहां सम्मान अपने आप चला आता है। कौशल विकास किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने और उसको समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में 65 फीसद जनसंख्या 35 साल से कम उम्र के युवाओं की है।

देश के आर्थिक विकास में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देने के लिए कौशल विकास से प्रेरित किया जा सकता है। अब इन युवाओं को आज के युग के ऐसे कौशलों में निपुण किया जाएगा, जो इनके भविष्य के लिए मददगार सिद्ध हो सकें। कौशल विकास मिशन के अंतर्गत 2020 तक देश के एक करोड़ युवाओं को उच्चस्तर की गुणवत्ता से परिपूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसका सारा खर्च सरकार वहन करेगी। इस मौके पर केंद्रीय पट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यम शीलता मंत्री, धमेंद्र प्रधान ने कहा कि उनका मंत्रालय नई दिल्ली क्षेत्र में यदि स्थान उपलब्ध हो तो इलेक्ट्रीकल और सोलर उपकरणों की देखरेख का प्रशिक्षण देने के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना करना चाहता है। नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कौशल विकास से न केवल युवाओं में कार्यकुशलता आएगी अपितु उनके व्यक्तित्व का भी विकास होगा। परिषद के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बताया कि नई दिल्ली क्षेत्र में केवल यही एक प्रधानमंत्री कौशल केंद्र नही है अपितु धर्म मार्ग पर एक विशेष प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना केंद्र की भी स्थापना की गई है। साथ ही मोती बाग में कौशल विकास का एक उत्कृष्ट केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है। जिसमें भविष्य की जरूरतों के अनुरूप कौशल विकास के अत्याधुनिक पाठ्यक्रम चलाए जाएगें। जिनमें थ्री-डी प्रिटिंग, आॅटोमेशन और रोबोटिक्स आदि विषय शामिल होंगे।

इस अवसर पर परिषद के उपाध्यक्ष, करण सिंह तंवर ने कहा कि इन कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से नई दिल्ली क्षेत्र के अनपढ़, अल्पशिक्षित, शिक्षित एवं बेरोजगार युवाओं में रोजगार उन्मुख भविष्य के प्रति आशा का संचार होगा। विधायक एवं पालिका सदस्य सुरेंद्र सिंह, डॉ अनीता आर्या, अब्दुल राशिद अंसारी, बीएस भाटी, कौशल विकास एवं उद्यम शीलता मंत्रालय के संयुक्त सचिव, राजेश अग्रवाल, एनडीएमसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सीईओ जुही मुखर्जी और परिषद के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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