प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘स्मार्ट सिटी’ मिशन (smart city mission) अब विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में भी लागू किया जाएगा। विश्वविद्यालय में संचालित होने वाले नियमित विषयों के साथ ‘अर्बन प्लानिंग’ (urban planning) का पाठ्यक्रम भी शामिल होगा। इसके लिए यूजीसी (UGC) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र जारी करआवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन) द्वारा वि.वि. को जारी पत्र में कहा गया है कि वे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शीघ्र इस तरह के विषय तैयार कर पाठ्यक्रम में शामिल करें, जिससे शहर विकास की तय होने वाली रूपरेखा में टैलेंट की कमी न पड़े। डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि में बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक हो चुकी है इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूजीसी द्वारा दिए गए निर्देशों के मुताबिक कार्य करना शुरू कर दिया है।
स्मार्ट सिटी योजना की शुरुआत तो कर दी गई है लेकिन कौशल लोगों (skilled people) की कमी के चलते इस योजना को गति नहीं मिल पा रही है। इसी प्रतिभा को निखारने के लिए यूजीसी ने अरबन प्लानिंग विषय को देश के सभी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में लागू करने की कवायद शुरू की है। वर्तमान में देश के अधिकतर विश्वविद्यालयों और अधीन कॉलेजों में एेसा कोई पाठ्यक्रम संचालित नहीं हो रहा है। देश के कुछ चुनिंदा शहरों जिसमें आईआईटी खडग़पुर, रुड़की, गुरुनानक देव विवि अमृतसर में अर्बन प्लानिंग से जुड़े पाठ्यक्रम चल रहे हैं, जबकि अमेरिका केअधिकांश विश्वविद्यालयों और संस्थानों में करीब एक दशक पहले से एसे पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं।
यूजीसी सचिव प्रो. जसपाल एस. संधू ने विश्वविद्यालयों को प्रेषित पत्र के माध्यम से बताया है कि केंद्र सरकार द्वारा मिशन डवलपमेंट के तहतदेश के 500 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके तहत शहरी नवीनीकरण एवं पुन: संयोजन के माध्यम से शहरको नया आयाम दिया जाना है। इससे शहर की इकोनॉमी व ग्रोथ बढ़ेगी। इससे भविष्य में युवाओं के कॅरियर के लिए एक नया और बेहतरविकल्प मिलेगा। यूजीसी सचिव ने अपने पत्र में 500 शहरों का जिक्र किया है जबकि वर्तमान में देश में 100 शहरों को लेकर ही स्मार्ट सिटीयोजना संचालित हो रही है।
इसके तहत, इस तरह के कोर्स शुरू हो सकते हैं जैसे – बैचलर ऑफ अर्बन प्लानिंग (तीन वर्षीय), बैचलर ऑफ अर्बन एंड इन्वायरमेंटल प्लानिंग, मास्टर ऑफ अर्बन प्लानिंग (दो वर्षीय), मॉस्टर ऑफ टैक्नोलॉजी अर्बन प्लानिंग, मास्टर ऑफ अर्बन एंड रीजनल प्लानिंग, पीजी डिप्लोमा इन टाउन कंट्री प्लानिंग (एक से दो वर्षीय)
जैसे-जैसे शहरी आबादी बढ़ रही है, देश की इकोनॉमी ग्रोथ इस पर निर्भर होती जा रही है। देश में ग्रामीण जनसंख्या 65 प्रतिशत है, जो अगलेएक दशक में सिर्फ 40 प्रतिशत होने की बात सामने आ रही है। बढ़ते शहरीकरण के चलते शहरों को स्मार्ट बनाने पर जोर दिया जा रहा है। नए कोर्स से इस क्षेत्र में लोगों को सरकारी नौकरी से लेकर निजी कंपनियों में कई अवसर मिल पाएंगे। स्मार्ट सिटी में लोग भी स्मार्ट होने चाहिए, इस तरह के कोर्स से लोगों की सोच विकसित करने की रणनीति बनाई है।
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