नई दिल्ली : मोदी सरकार देश में डिजिटल विलेज बनाने का काम बड़े पैमाने पर शुरू करेगी। इसके लिए बजट में बड़ी योजना पेश करने की तैयारी है। सूत्रों के अनुसार इस प्रस्ताव को पीएमओ से मंजूरी मिल गई है। आदर्श ग्राम योजना के बाद गांवों के लिए यह नई स्कीम होगी। पहले चरण में 1 साल में 5 हजार गांवों को डिजिटल बनाया जाएगा। पीएमओ के निर्देश पर मिनिस्ट्री ऑफ आईटी ने डिजिटल विलेज के लिए मानक तय किए हैं, जिसके आधार पर किसी गांव को डिजिटल घोषित किया जा सकता है। बजट में इसके लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए जा सकते हैं। साथ ही इस काम में मोबइल कंपनियों को भी किस तरह साथ लें, इसके लिए भी रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
डिजिटल विलेज के मानक
— स्किल डिवेलपमेंट-हर गांव में स्किल डिवेलपमेंट की स्थायी टीम काम करेगी, जो गांव वालों को डिजिटल कामों में मदद करेगी।
— टेली मेडिसिन सर्विस-इसके तहत गांव का सबसे करीबी पीएचसी उस गांव से डिजिटल रूप से जुड़ा रहेगा। इसके माध्यम से मरीज और उनके परिजनों को डिजिटल तरीके से स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाएगी। ऑनलाइन कंसलटेशन भी होगा।
— टेली एजुकेशन सर्विस- गांव के सभी स्कूली को स्कूल के अलावा ऑनलाइन एजुकेशन की सुविधा भी दी जाएगी। बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज लगेंगी।
— वाई-फाई हॉट स्पॉट सर्विस-मोबाइल वाई-फाई हॉट स्पॉट रहना जरूरी होगा। हर दिन कम से कम 5 घंटे फ्री वाई-फाई सुविधा मिलेगी।
— एलईडी लाइट- डिजिटल विलेज में हाई मास्ट एलईडी लाइट ऐसी जगहों पर लगेगी, जो पूरी रात गांवों में रोशनी दे सके।
पीएमओ में भी बजट पर मंथन
1 फरवरी को पेश होने वाले मोदी सरकार के चौथे बजट को अंतिम रूप देने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ पीएमओ भी तमाम योजनओं और प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में लगा है। सूत्रों के अनुसार खुद पीएम हर दिन बजट से जुड़ी मीटिंग ले रहे हैं। पिछले सात दिनों में उन्होंने अलग-अलग मंत्रालय के सेक्रेटरी की 6 मीटिंग ली है बजट पर मिल रही आम लोगों को राय को भी पीएमओ गंभीरता से देख रहा है। सूत्रों के अनुसार इस बार भी कम से कम 5 योजनाएं या प्रस्ताव आम लोगों से मिली राय के आधार पर तय होगी। अब तक आम लोगों के 15 हजार प्रस्ताव के आ चुके हैं। पिछले बार बजट में आम लोगों के 10 प्रस्ताव को बजट में जगह दी गयी थी।
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