दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सत्र 2018-19 से अलग-अलग क्षेत्रों में 50 से भी अधिक वोकेशनल कोर्स शुरू करेगा। इसमें 15 कोर्स नौवीं और दसवीं के स्तर पर व 40 कोर्स सीनियर सेकेंडरी यानि कक्षा 11वीं और 12वीं के स्तर पर शुरू होंगे। इन कोसरे में रिटेल, मीडिया, एग्रीकल्चर, सिक्यूरिटी, हेल्थकेयर, आईटी, टैक्सेशन, फैशन, डिजाइशन और फूड एंड न्यूट्रीशन जैसे पाठ्यक्रम शामिल होंगे।
बोर्ड के एक परिपत्र के मुताबिक सेकेंडरी स्तर पर वोकेशनल कोर्स को पांच अकादमिक विषयों के साथ ही अतिरिक्त छठे विषय के रूप में ऑफर किया जाएगा। वहीं यदि कोई विद्यार्थी तीन इलेक्टिव विषयों (गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान) में से किसी एक में फेल हो जाता है तो उस विषय को वोकेशनल विषय से रिप्लेस कर दिया जाएगा और कक्षा दसवीं का परीक्षा परिणाम पांच बेहतर विषयों के परिणाम के आधार पर तैयार किया जाएगा। हालांकि यदि छात्र फेल विषय की परीक्षा फिर से देना चाहता है तो कंपार्टमेंट एग्जाम दे सकता है।
ठीक इसी तरह से सीनियर सेकेंडरी लेवल पर छात्र वोकेशनल प्रोग्राम को चुन सकते हैं। स्कूलों से कहा गया है कि वे नये सत्र से एक या उससे अधिक वोकेशनल कोर्स में ऑफर करना शुरू करें। इनमें से कई कोसरे को पेशेवर संस्थाओं के सहयोग से संचालित किया जाएगा। बोर्ड ने संबद्ध स्कूलों के प्रमुखों को बताया है कि वोकेशनल पाठ्यक्रमों को संचालित करने के लिये जरूरी सहयोग और शिक्षक प्रशिक्षण भी समय-समय पर उपलब्ध कराया जाएगा।
बोर्ड में वोकेशनल एंड ट्रेनिंग निदेशक बिस्वजीत साहा की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि सेकेंडरी स्तर के वोकेशनल पाठ्यक्रमों में लिखित और प्रायोगित परीक्षा के समान अंक निर्धारित होंगे। वहीं सीनियर सेकेंडरी स्तर के वोकेशनल पाठ्यक्रमों में कुछ के लिए लिखित और प्रायोगिक का अनुपात 60 व 40 तथा कुछ में 70 व 30 होगा। परिपत्र में बोर्ड ने कहा है कि इन पाठ्यक्रमों को नई पीढ़ी में कौशल और दक्षता बढ़ाने व उनमें रोजगार के विकल्पों को लेकर जागरूकता पैदा करने के मद्देनजर शुरू किया गया है। बोर्ड को उम्मीद है कि इससे शिक्षा समग्र, सार्थक और कौशल उन्मुखी बनेगी।
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