रायपुर (छत्तीसगढ़) : प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं के तहत छत्तीसगढ़ में वर्ष 2012 से अब तक यानि लगभग चार साल में तीन लाख युवाओं को विभिन्न व्यवसायों का रोजगार मूलक कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह जानकारी आज यहां उच्च शिक्षा,तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने दी। श्री पाण्डेय ने कौशल विकास प्राधिकरण कार्यालय में बनाये गये वीडियो क्रान्फ्रेसिंग हॉल का शुभारंभ किया।
उन्होंने इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों से सीधी बातचीत की और कौशल विकास और राजस्व से संबंधित तमाम जानकारियॉ ली। यह कान्फ्रेसिंग हॉल मुख्यमंत्री कौशल विकास प्राधिकरण और लाईवलीहुड कार्यालय पुराने पुलिस मुख्यालय,रायपुर में बनाया गया है। कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा प्रमुख सचिव श्रीमती रेणू जी पिल्ले, राजस्व सचिव श्री के.आर. पिस्दा, मुख्यमंत्री कौशल विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के.स. देवसेनापति, तकनीकी शिक्षा संचालक श्री एस.एस. बजाज और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे । राजस्व सचिव ने कलेक्टरों को पटवारी हल्का,बंदोवस्त ऋटि सुधार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, आबादी भूमि पट्टा,राजस्व मुक्त ग्राम आदि की प्रगति की रिपोर्ट देने हेतु कहा।
श्री पाण्डेय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अनेक ऐसी योजनाएं संचालित की जा रही है जिनका लाभ उठाकर राज्य के विभिन्न जिले में कम पढ़े-लिखे युवाओं भी आत्मनिर्भर होने लगे हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास और मुख्यमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिए अब तक राज्य में लगभग तीन लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाया जा चुका है। श्री पाण्डेय ने सभ 27 जिले में संचालित अजीविका (लाइवलीहुड) कॉलेज के विभिन्न व्यवसायों और कॉलेज भवन निर्माण की जानकारी ली । उन्होंने कहा कि जहां आसानी से सरकारी भवन हास्टल के लिए मिल सकते है वहां हास्टल खोलने की कार्रवाई की जाए, तभी लाइवलीहुड कॉलेज का असली मतलब पूरा होगा।
श्री पाण्डेय ने सरकारी वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर (व्ही.टी.पी.) के प्रशिक्षण केन्द्रों में युवाओं की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कलेक्टर अपने जिले में सरकारी और गैर सरकारी व्ही.टी.पी. की लगातर निगरानी करें और देखें कि जो व्ही.टी.पी. खोले गए है उनमें सरकार की मंशानुरूप सुविधाऐं है कि नहीं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रशिक्षण संख्या में विश्वास लाईवलीहुड कॉलेज में अधिकारियों और कर्मचारियों की भर्ती शीध्र करने के निर्देश दिए। उच्च शिक्षा मंत्री ने कौशाल विकास के बहेतर एवं उपयाग रूप से संचालन से पूर्व युवाओ की काउंसलिंग, स्थानीय बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण देने पर बल दिया। श्री प्रेमप्रकाश पाण्डये ने सभी कलेक्टरो से कहा कि वह अपने-अपने जिले में वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर (व्ही.टी.पी.) में प्रशिक्षणरत बच्चों की बायोमेट्रिक उपस्थिति, मूल्यांकन का निरीक्षण, प्रशिक्षण के बाद युवाओं के नियोजन तथा नियोजन उपरान्त नियोजित युवाओं के जिला स्तर पर जांच के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, का लाभ राज्य के अंतिम छोर के युवाओं तक पहुंचे इस हेतु इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए।
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