जयपुर : कौशल विश्वविद्यालय आये दिन नयी से नयी प्रतियोगिता का आयोजन करता रहता है। स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को एनएसडीसी और फर्नीचर एंड फिटिंग्स स्किल काउंसिल के सहयोग से जाॅइनरी कारोबार में बढ़ईगीरी कौशल प्रतियोगिता आयोजित की गयी है। जिसमें तीन क्षेत्रों से जो कि पश्चिम, उत्तर और दक्षिण के विजेताओं ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि भारत यूरोस्किल्स-2018 में आठ व्यवसायों में अतिथि प्रतियोगी के रूप में भाग ले रहा है। यूरोस्किल्स, जिन्हें यूरोप के स्किल्स ओलंपिक भी कहा जाता है, युवा पेशेवरों की यूरोपीय चैंपियनशिप है, जिसमें यूरोप के आसपास के स्किल डेवलपमेंट की झलक मिलती है। कौशल के एक शानदार प्रचार का अवसर उपलब्ध कराने वाली इस प्रतिस्पर्धा का आयोजन हर दो साल में होता है। यूरोस्किल्स में 28 यूरोपीय देश हैं जो इसके सदस्य हैं।
स्किल प्रतिस्पर्धा का उद्घाटन करते हुए बीएसडीयू के प्रेसीडेंट डाॅ (ब्रि) सुरजीतसिंह पाब्ला ने कहा- ‘‘यूरोस्किल्स प्रतियोगिता छात्रों को उत्कृष्ट प्रदर्शन का अवसर प्रदान करती है, ताकि वे वल्र्डस्किल्स जैसी आगामी बड़ी प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें। विभिन्न क्षेत्रों से क्षेत्रीय प्रतियोगिताओं में योग्यता हासिल करने वाले इन छात्रों को बीएसडीयू ने प्रशिक्षण प्रदान किया है और उन्हें बीएसडीयू में उपलब्ध दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मशीनों के साथ अपने कौशल को और मजबूत करने का मौका दिया है। और उन्हें न केवल मशीनों की ट्रेनिंग दी गई, बल्कि उन्हें सुरक्षा मार्गदर्शन के बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया और उन्हेंऐसी प्रतियोगिताओं की मार्किंग स्कीम्स के बारे में भी शिक्षित किया जाता है।
इस प्रतियोगिता के बाद छात्र वल्र्डस्किल्स के लिए तैयारी करेंगे, जो दुनिया में सबसे बड़ी कौशल प्रतियोगिता है और जिसका आयोजन हर दो साल में एक बार होता है। यह प्रतियोगिता दुनियाभर के युवाओं के बीच कौशल के लिए ओलंपिक खेलों के बराबर है। उल्लेखनीय है कि पिछली वल्र्डस्किल्स स्पर्धा का आयोजन 2017 में अबू धाबी में किया गया था, जिसमें भारतीय छात्रों ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया था। इसे देखते हुए यूरोस्कोकिल्स ने इस यूरोपीय प्रतियोगिता में अतिथि प्रतियोगी के रूप में भाग लेने के लिए भारत को आमंत्रित किया है।‘‘
स्कूल आॅफ कारपेंटरी के प्रिंसिपल नरेंद्रसिंह राठौड जॉइनरी व्यापार में भारतीय विशेषज्ञ के रूप में चुने गए हैं, जिन्हें एमएसडीई और एनएसडीसी द्वारा मनोनीत किया गया था और वे छात्रों की यूरोस्किल्स में अगुआई भी करेंगे ।
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