इंदौर : आइआइएम इंदौर ने विदेश मामलों के मंत्रालय के सहयोग से शनिवार को विशिष्ट लेक्चर सीरीज आयोजित की, जिसमें पूर्व भारतीय राजदूत और गेटवे हाउस की निदेशक नीलम देव मुख्य स्पीकर रहीं। इसके अलावा भारत के आर्थिक विकास के लिए इंडस्ट्री, इनोवेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर विषय पर एक इंडस्ट्री मीट भी हुई। इसमें नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा, अब प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत जिलास्तर पर रोजगार पैदा करने और युवाओं को स्किल बनाने के प्रयास होंगे। इसके तहत स्थानीय स्तर पर जॉब्स की क्या कंडीशन, कितने जॉब पैदा हो सकते हैं, युवाओं को किस तरह के कौशल से रोजगार मिल सकता है। इस हिसाब से काम होगा। उन्होंने कहा, सरकार का ज्यादा फोकस युवाओं के स्किल्स सुधारने में है। इसलिए जर्मन डुअल वीटीई सिस्टम को लाने की तैयार कर रहे हैं। इसमें इंडस्ट्री और आइटीआई साथ में कोर्स चलाएंगे। फिलहाल देश में 11 हजार आइटीआइ हैं।
ट्रेनिंग के बाद 50 फीसदी युवाओं को मिला रोजगार
उन्होंने बताया, 2017-18 में सभी मंत्रालयों की स्किल योजनाओं के तहत 1 करोड़ युवाओं को ट्रेन किया जा चुका है। जबिक पीएम कौशल विकास योजना में 20 लाख युवाओं की स्किलिंग हुई है। ट्रेनिंग पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी को जॉब मिली है।
स्कूल, कॉलेज लेवल से ही ट्रेनिंग की तैयारी
पीएम कौशल विकास योजना अब कॉलेज व स्कूली संस्थानों के साथ चलाई जाएगी। कॉलेज लेवल पर ही ब्लॉक चैन, रोबोटिक्स, सायरबर सिक्युरिटी जैसे कोर्स पढ़ाएंगे, जिससे रोजगार मिलने से अच्छी संभावना है। कई कॉलेजेस खुद को स्किल विवि में बदलने के लिए सपंर्क में हैं।
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