पूरे देश में दिव्यांगों के कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा, ताकि वे स्वाभिमान से बेहतर जिंदगी जी सकें। दिव्यांगों के बीच बेहतर संवाद के लिए कॉमन साइन लैंग्वेज पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए जर्मनी और यूके के साथ एमओयू भी साइन किया गया है। जैसे ही कॉमन साइन लैंग्वेज विकसित होगी, इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।प्रधानमंत्री ने अपना जन्म दिवस नवसारी में आयोजित दिव्यांगों के एक बड़े कार्यक्रम के बीच मनाया।
साई गरबा मैदान में आयोजित दिव्यांगों के विशेष कैंप में पीएम मोदी ने बड़ी जनसभा को संबोधित करते आज तक हुए दर्जन भर से ज्यादा प्रधानमंत्री कभी भी दिव्यांगों की सभा में नहीं पहुंच पाए, मैं पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसे दिव्यांगों के बीच पहुंचने और उनके साथ अपने विचार साझा करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि विकसित व आधुनिक हाथ व पैर लगा देने से दिव्यांगों की क्षमता सामान्य व्यक्ति की क्षमता के बराबर हो जाएगी और वे अपनी अदम्य क्षमता का पूरा इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों में कितनी क्षमता है, यह पैरालंपिक खेलों में सिद्ध हो चुका है। दिव्यांगों ने पैरालंपिक खेलों में खूब मेडल जीते। अब नए प्रकार के हाथ और पैर मिलने से उन्हें समाज में उपकार या दयाभाव से जीना नहीं पड़ेगा और वे सम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकेंगे। वे अपने हुनर कौशल के दम पर रोजगार पा सकेंगे ।
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