पलवल : 900 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जाने वाली देश की पहली स्किल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। गांव दुधौला में बनाई जा रही हरियाणा विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी में 12 हजार युवाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी। करीब 83 एकड़ में बनाई जा रही इस यूनिवर्सिटी का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में 400 करोड़ रुपये, दूसरे चरण में 280 करोड़ रुपये और तीसरे चरण में 220 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले चरण के निर्माण कार्य को पूरा करने की समय सीमा 18 महीने निर्धारित की गई है। निर्माण कार्य को लेकर सोमवार को हरियाणा विश्वकर्मा कौशल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राज नेहरू और निर्माण करने वाली कंपनी इरकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज लिमिटेड के सीओ सी. के. नायर के बीच एमओयू साइन किया गया।
यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। पहले चरण में 650 छात्र और 450 छात्राओं के लिए हॉस्टल, 350 टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए रेजिडेंस, 8 कोर्सों के लिए अलग-अलग हॉल, 9वीं से 12वीं क्लास तक के स्टूडेंट के लिए स्कूल बिल्डिंग, स्विमिंग पूल, खेल का मैदान, शॉपिंग सेंटर, हेल्थ केयर सेंटर, अकैडमिक कैंपस, लाइब्रेरी, कंप्यूटर सेंटर, एक्टिविटी सेंटर, एक्सिलेंसी सेंटर, एडमिनिस्ट्रिेटिव ब्लॉक, ऑडिटोरियम बनाया जाएगा। यूनिवर्सिटी के लिए 13 पर्सेंट जमीन कवर की जाएगी। करीब साढ़े 6 एकड में वन क्षेत्र होगा और 50 पर्सेंट ग्रीन एरिया होगा। सभी सड़कें 33 फुट चौडी होंगी।
अगले साल शुरू होगा सत्र
यूनिवर्सिटी की आधारशिला 2016 में रखी गई और 2017 से एजुकेशन सत्र शुरू किया गया, जो गुड़गांव, फरीदाबाद व अन्य स्थानों पर चलाए जा रहे हैं। 2019 में यूनिवर्सटी में ही 4000 स्टूडेंटस का सत्र शुरू होगा। यूनिवर्सिटी की क्षमता 12 हजार स्टूडेंट की होगी। पहले सत्र में ऑटोमोबाइल, रोबोटिक्स, बैंकिंग, आईटी, कंप्यूटर, खेल, कृषि और मनेजमेंट जैसे कोर्स शुरू होंगे।
वाइस चांसलर राज नेहरू ने कहा कि हरियाणा विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी देश की पहली सबसे बड़ी कौशल यूनिवर्सिटी होगी। इससे पास आउट होने वाले युवाओं को रोजगार ढूंढने की जरूरत नहीं होगी। कंपनियां यहां के पासआउट युवाओं को रोजगार के लिए आमंत्रित करेंगी। यूनिवर्सिटी में अकैडमिक से लेकर स्किल तक की एजुकेशन दी जाएगी।
कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री विपुल गोयल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि हर व्यक्ति को रोजगार व काम मिले। इसकी शुरुआत के लिए कौशल यूनिवर्सिटी का निर्माण किया जा रहा है। हरियाणा कौशल शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने वाला पहला राज्य है और अब यूनिवर्सिटी स्तर पर भी राज्य ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
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