छिंदवाड़ा : राष्ट्रपति डॉ.प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेज से हर साल बड़ी संख्या में स्नातक निकलते हैं, लेकिन कार्यकुशलता के अभाव में उन्हें रोजगार ढूंढने में समस्या का सामना करना पड़ता है। एेसे युवाओं के कौशल का विकास किया जाए तो उन्हें नौकरी मिल जाएगी और उद्योगों में जनशक्ति का उपयोग भी हो सकेगा।
वे बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) स्किल्स सेंटर के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया के विकसित देशों में अधिकतर आबादी अधिक उम्र वाली है लेकिन भारत में आनेवाले सालों में आधी जनसंख्या की उम्र 25 वर्ष से कम होगी। अगर देश उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में असमर्थ रहता है तो इससे अशांति और हताशा उत्पन्न होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि कौशल विकास से रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को मजबूत बनाने और सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने छिंदवाड़ा जैसे अपेक्षाकृत पिछड़े क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना के लिए सीआईआई और स्थानीय सांसद कमलनाथ को उनकी दूरदर्शिता के लिए सराहा। उन्होंने सीआईआई के वार्षिक प्रतिवेदन का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम को मप्र के राज्यपाल ओपी कोहली, मिनिस्टर इन वेटिंग गौरीशंकर बिसेन, सांसद कमलनाथ, सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोर्स, डायरेक्टर जनरल चंद्रकांत बैनर्जी ने भी संबोधित किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने अप्रैरल डिजाइनिंग सेंटर, ड्राइविंग स्कूल, आईएलएंड एफएस ट्रेनिंग सेंटर का निरीक्षण किया।
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