नई दिल्ली : 9 जनवरी को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने एक विशेष अधिसूचना जारी करते हुए सेक्यूरिटी सेक्टर स्किल डेवेलपमेंट काउन्सिल के वर्तमान अधिकार वापिस ले लेने की घोषणा की थी।
स्किल रिपोर्टर द्वारा मामले की तहकीकात करने पर पता चला कि एनएसडीसी द्वारा इस प्रकार का गंभीर फ़ैसला लेने के पीछे सेक्यूरिटी सेक्टर स्किल काउन्सिल के एक पूर्व अधिकारी कर्नल उत्कर्ष राठौर का विशेष योगदान है। उन्होंने गत वर्ष अक्तूबर में एनएसडीसी में एक याचिका दायर कर काउन्सिल द्वारा अधिकारों के दुरुपयोग की जानकारी दी थी।
स्किल रिपोर्टर की विशेष संवाददाता ने कर्नल राठौर से बातचीत की। बातचीत के दौरान ज्ञात किया कि किस प्रकार सेक्यूरिटी स्किल काउन्सिल जो कि जनहित के लिए स्थापित की गयी संस्था है, के अधिकारों व साख का दुरुपयोग निजी हित में किया गया है। उनके अनुसार कुंवर विक्रम द्वारा काउन्सिल के समारोह के नाम पर अर्जित की गयी प्रयोजन राशि को भी चेयरमैन की निजी कंपनी कापसी द्वारा एकत्रित किया गया। न केवल इतना ही बल्कि उस राशि की कोई जानकारी काउन्सिल को नहीं दी गयी।
सांझा की गयी जानकारी के अनुसार काउन्सिल की कार्यकारिणी समिति को सूचित किए बिना व उनकी अनुमति के बिना कई महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए गये। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि विशेष अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए चेयरमैन ने अपने पुत्रों व संबंधियों द्वारा स्थापित संस्थाओं को अतिरिक्त ट्रेनिंग कोटा आवंटित किया।
सेक्टर स्किल काउन्सिल की मान्यता रद्द करने के सन्दर्भ में एनएसडीसी के सीईओ व एमडी श्री मनीष कुमार ने कहा कि एक दायर याचिका को आधार मानते हुए जाँच आरंभ की गयी जिसमें काउन्सिल के चेयरमैन आरोपी सिद्ध हुए और नैशनल स्किल डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन ने काउन्सिल के खाते सील करने के आदेश दिए।
संवाददाता को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि चेक साइनिंग प्राधिकारी के नाम पर एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी और भविष्य में यदि कोई और भी इस प्रकार अधिकारों का दुरुपयोग करता है तो सख़्त कदम उठाए जाएँगे।