हर माह स्कूलों में कौशल विकास शिक्षण कार्यों की होगी जांच, वोकेशनल कोर्स के पाठ्यक्रम की भी देनी होगी रिपोर्ट

जिन स्कूलों में व्यावसायिक (वोकेशनल) कोर्स की पढ़ाई हो रही है उनकी हर माह निगरानी रिपोर्ट तैयार होगी। राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेम वर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत जिला के चयनित 40 स्कूलों में विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के साथ रोजगारपरक शिक्षा को व्यावहारिक बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

बुधवार को रेवाड़ी खंड संसाधन केंद्र में जिला के इन स्कूलों के प्रिंसिपल व एनएसक्यूएफ से जुड़े अधिकारियों की विशेष बैठक आयोजित हुई। इसमें शिक्षा निदेशालय से रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ के एनएसक्यूएफ संयोजक महेंद्र सिंह गिल ने बैठक को मुख्य रूप से संबोधित किया। उन्होंने स्कूल मुखियाओं और वोकेशनल शिक्षकों को ई-मेट प्रणाली के बारे में प्रशिक्षण दिया।

इसके तहत उन्होंने हर माह वोकेशनल कोर्स के पाठ्यक्रम की रिपोर्ट, लेखा जोखा, प्रयोगशालाओं की स्थिति और प्रगति के बारे में आनलाइन जानकारी देनी होगी। इस मौके पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरेश गोरिया ने विभाग के उद्देश्यों को सफल बनाने के लिए सभी स्कूल मुखियाओं और उनके नोडल अधिकारियों की अहम भूमिका बताया।

उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित करने का आह्वान किया।

चयनित स्कूलों में 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के साथ रिटेल, सिक्योरिटी, ऑटोमोबाइल, ब्यूटी एंड वेलनेस, पेशेंट केयर असिस्टेंट, बैंकिंग एवं फाइनेंस सर्विस, टूरिज्म सहित विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक कोर्स का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। इसका उद्देश्य विद्यार्थी स्कूल से ही अपने कौशल विकास के बारे में जागरूक होने के साथ करियर का चयन कर सकें। इस मौके पर सर्व शिक्षा अभियान रेवाड़ी के उपाधीक्षक प्रदीप कुमार, एपीसी एवं एनएसक्यूएफ जिला संयोजक राजबीर यादव के साथ खंड शिक्षा और खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी व समस्त स्कूल मुखिया व नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.