नई दिल्ली : दुनियाभर की 45 फीसदी कंपनियां प्रतिभाशाली कर्मचारियों की कमी से जूझ रही हैं। 12 साल में ये सबसे ज्यादा है। इससे पहले 2006 में ये दर 40 फीसदी थी। भारत 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शामिल है। यहां 56 फीसदी नियोक्ताओं को खाली पद भरने में परेशानी हो रही है। मैनपावर ग्रुप की ओर से टैलेंट शॉर्टेज सर्वे 2018 जारी किया गया है जिसमें 40 हजार संस्थाओं को शामिल किया गया।
जापान के 89% नियोक्ताओं ने कहा कि उन्हें खाली पद भरने में दिक्कतें हो रही हैं। जापान के बाद रोमानिया (81%) और ताइवान (78%) सबसे ज्यादा प्रभावित देश हैं। सर्वे के मुताबिक तकनीकी और व्यावहारिक क्षमताओं वाले सक्षम कर्मचारी तलाशने में कंपनियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे में शामिल 50% से ज्यादा नियोक्ताओं ने कहा कि कर्मचारियों की भर्ती करते समय वो कम्युनिकेशन स्किल पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं। इसके बाद सहयोग और समस्या समाधान की क्षमताओं को परखा जाता है। चीन सबसे कम प्रभावित देश है।
सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश ( टैलेंट की कमी से जूझ रही संस्थाओं का प्रतिशत )
जापान (एशिया) (89%)
रोमानिया (81%)
ताइवान (एशिया) (78%)
हॉन्गकॉन्ग (एशिया) (76%)
बुल्गारिया (68%)
टर्की (66%)
ग्रीस (61%)
सिंगापुर (एशिया) (56%)
भारत (एशिया) (56%)
स्लोवाकिया (54%)
सबसे कम प्रभावित देश ( टैलेंट की कमी से जूझ रही संस्थाओं का प्रतिशत )
चीन 13%
आयरलैंड 18%
यूके 19%
नीदरलैंड 24%
स्पेन 24%
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